RBI की वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा: केंद्रीय बैंक के आकस्मिक कोष में बचे सिर्फ 1.96 लाख करोड़ रू
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2019 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक चलन में मौजूद मुद्रा का फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंक धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 नें 71000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। अब तक 6801 बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एनबीएफसी से वाणिज्यिक क्षेत्र को मिलने वाले लोन फ्लो में 20 फीसदी तक की गिरावट आ गई है।
इस
रिपोर्ट
के
मुताबिक
देश
में
पिछले
साल
बैंक
धोखाधड़ी
के
मामलों
में
सालाना
आधार
पर
15
प्रतिशत
की
बढ़ोतरी
हुई
है।
साल
2018-19
में
बैंकों
में
धोखाधड़ी
के
6,801
मामले
सामने
आए।
इन
मामलों
में
करीब
71,542.93
करोड़
रुपए
की
धोखाधड़ी
हुई।
आरबीआई
द्वारा
सरकार
को
1.76
लाख
करोड़
देने
के
बाद
आरबीआई
के
आकस्मिक
कोष
में
1,96,344
करोड़
रुपए
की
राशि
बची
है।
जो
पिछले
साल
इसी
अवधि
में
2,32,108
करोड़
रुपए
पर
था।
उम्मीद
की
जा
रही
है
कि
आरबीआई
को
अतिरिक्त
पूंजी
के
रूप
में
एक
लाख
रुपए
से
अधिक
हस्तांतरित
करने
पड़
सकते
हैं।
इसके साथ ही किसानों की कर्ज माफी, आय समर्थन सरकारी योजनाओं के चलते राज्यों की वित्तीय प्रोत्साहन की क्षमता घटी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है।