आज से बदल गया Aadhaar से जुड़ा ये बड़ा नियम, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, आप पर होगा ये असर
आज से बदल गया Aadhaar से जुड़ा ये नियम,आप पर होगा असर
नई दिल्ली। बैंक खाते, मोबाइल सिम, राशन कार्ड, सरकारी योजना जैसे तमाम योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता बढ़ता ही आधार सबसे अहम दस्तावेजों में शामिल हो गया। आधार की अनिवार्यता को लेकर भी कुछ लोगों में नाराजगी थी, जिसके बाद अब आधार से जुड़े बड़े नियम में बदलाव किया गया है। इस बदलाव का आप पर बड़ा असर होगा इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
आधार को लेकर नियम में बड़ा बदलाव
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोबाइल सिम कार्ड लेने और बैंक अकाउंट खुलवाने में आईडी प्रूफ के तौर पर आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यता देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। शनिवार को जारी किए गए इस अध्यादेश में आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मंजूरी दी गई। आपको बता दें कि आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मंजूरी देने वाले विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के बाद ये राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया जिसकी वजह से सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा। संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है।
आधार कानून में बदलाव
अध्यादेश में किसी व्यक्ति द्वारा प्रमाणन के लिए दी गई जैविक पहचान की सूचनाएं और आधार संख्या का सेवा प्रदाता द्वारा अपने पास जमा रखने को प्रतिबंधित किया गया है। इतना ही नहीं इस अध्यादेश के जरिए आधार कानून में बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है।
1 करोड़ तक का जुर्माना
इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अगर आप बैंक खाता खोलने या फिर नया सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड नहीं देना चाहते हैं तो सेवा प्रदाता आपको सेवा देने से इंकार नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है तो प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निकायों पर 1 करोड़ रुपए तक का आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है और अनुपालन नहीं करना जारी रखने की स्थिति में प्रति दिन 10 लाख रुपए के अतिरिक्त जुर्माने भरना होगा।
जुर्माने के साथ कैद की सजा
इस प्रावधान का पालन नहीं करने वालों को न केवल जुर्माना बल्कि जेल की सजा भी मिल सकती है। आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में 3 साल तक की कैद और 10000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। यदि अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी हुई तो जुर्माना 1 लाख रुपए तक हो सकता है।