RBI का अनुमान- तीसरी और चौथी तिमाही में प्लस में रहेगी GDP ग्रोथ
नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी। जिस वजह से पिछले दो तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट माइनस में रही। ऐसे में अब भी देश में आर्थिक मंदी का खतरा बना हुआ है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने जल्द अर्थव्यवस्था में सुधार की बात कही है। साथ ही अनुमान लगाया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट प्लस में आ जाएगी। इसके बाद चौथी तिमाही में और ज्यादा सुधार होगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे करने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे। 2021 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ माइनस 7.5 प्रतिशत अनुमानित है। मौजूदा वक्त में ग्रामीण मांग में तेजी से सुधार हो रहा है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही शहरी मांग भी बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई को अनुमान है कि तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ +0.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में +0.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
शक्तिकांत दास के मुताबिक मौद्रिक नीति समिति ने एकमत से पॉलिसी रेपो रेट को बिना किसी फेरबदल के 4% रखने के लिए वोट किया है। इस वजह से MSF रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का मानना है कि बंपर खरीफ की कीमतों से सर्दियों के महीने में मुद्रास्फीति को राहत मिलेगी। इसके अलावा एमपीसी ने ये निर्णय लिया है कि जब तक जरूरी होगा मौद्रिक नीति के समायोजन के साथ स्टैंड जारी रहेगा।
कब
आती
है
आर्थिक
मंदी?
जब
किसी
देश
की
जीडीपी
ग्रोथ
लगातार
कम
से
कम
तीन
तिमाही
में
माइनस
में
रहती
है,
तो
उस
देश
में
आर्थिक
मंदी
मानी
जाती
है।
अभी
तक
के
इतिहास
में
भारत
में
कभी
आर्थिक
मंदी
नहीं
आई
है।
आरबीआई
के
अनुमान
के
मुताबिक
अगर
अक्टूबर
से
दिसंबर
वाली
तिमाही
में
जीडीपी
ग्रोथ
प्लस
में
आती
है,
तो
आर्थिक
मंदी
का
खतरा
टल
जाएगा।