बड़ा फैसला: 1 अप्रैल से बदल जाएगा PNB समेत इन 2 सरकारी बैंकों के नाम, जानिए क्या होगा आपके खाते और जमापूंजी पर असर?
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों के विलय का फैसला लिया। कई बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई। केंद्र सरकार के फैसले के बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (OBC) के विलय को मंजूरी मिली, जिसके बाद अब इन तीनों बैंकों के विलय से बनने वाली इकाई के लिये नया नाम और नए लोगों की घोषणा जल्द की जाएगी। पीएनबी, ओबीसी, और यूबीआई बैंकों को विलय से बनने वाली बैंक का नया नाम और लोगो होगा, जिसकी घोषणा 1 अप्रैल को केंद्र सरकार के द्वारा की जाएगी।
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1 अप्रैल से बदल जाएगा इन बैंकों का नाम
1 अप्रैल को केंद्र सरकार पीएनबी, यूबीआई और ओबीसी बैंकों के विलय से बनने वाले बैंक के लिए नए नाम की घोषणा करेगी। साथ ही नए बैंक का नया लोगो जारी किया जारी किया जाएगा। आपको बता दें कि इन तीनों बैंकों के विलय से बनने वाला नया बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। विलय के बाद बनने वाले नए बैंक का कुल व्यापार आकार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा।
बनने देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक
आपको बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स(OBC) बैंक के विलय का फैसला लिया है। बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 1 अप्रैल 2020 से नए बैंक का परिचालन शुरू हो जाएगा। बैंक की पहचान बनाने को लेकर प्रतीक चिन्ह (Logo) काफी महत्वपूर्ण है। इसे लेकर तीनों बैंकों के उच्च स्तर पर चर्चा हुई है।
क्या होगा खाताधारकों पर असर
बैंकों के विलय के बाद खाताधारकों की जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा। हालांकि पेपरवर्क का काम थोड़ा बढ़ जाएगा। बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। वहीं नई चेकबुक, पासबुक, बैंक एड्रेस बदल सकता है। बैंकों के खाताधारकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे। खाताधारकों को ये जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम आदि में भी अपटेड करवानी होगी। हालांकि बैंकों के विलय से आपके एफडी की ब्याज दर या होम लोन, ऑटो लोन की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा। बैंकों के विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।