PMMSY: जानिए क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, आज PM मोदी करेंगे शुरुआत, 55 लाख लोगों को मिलेगा सीधा लाभ
नई दिल्ली। Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMSY) की शुरुआत करने जा रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस सरकारी स्कीम की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके साथ ही देश को एक और कृषि संबंधित योजना का तोहफा देते हुए ई-गोपाला ऐप ( e-Gopala App) की भी शुरुआत करेंगे। इस बारे में बीजेपी दफ्तर और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जानकारी दी गई है। आइए आपको इस सरकारी योजना के बारे मे विस्तार से बताते हैं।

क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMSY)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज आत्मनिर्भर भारत ( Atmanirbhar Bharata Abhiyan) के तहत प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना की शुरुआत करने जा रहा रहे हैं। आपको बता दें कि इस योजना के तहत सरकार 2020 से लेकर साल 2025 की अवधि के दौरान 20050 करोड़ रुपए खर्च करेगी। ये केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।

e-Gopala App करेंगे लॉन्च
प्रधानमंत्री मोदी 10 सितंबर को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana-PMMSY) की शुरुआत करने के साथ-साथ किसानों के लिए e-Gopala App भी लांच करेंगे। इस ऐप की मदद से किसानों , पशुपालन और मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को सहायता मिलेगी। आपको बता दें कि सरकार ने इस
e-Gopala App को इस तरह से तैयार किया है कि इसके जरिए किसानों को पशुपालक उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिले। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को पशुपालन संबंधी कामों में मदद मिलेगी।

55 लाख लोगों को मिलेगा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ
सरकार की इस प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ देश के 55 लाख लोगों को मिलने वाला है। इस योजना से देश भर में मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के तहत सरकार बिहार के सीतामढ़ी में Fish Brood Bank और किशनगंज में Aquatic Disease Referral Laboratory की भी शुरुआत करेंगे। इस योजना की मदद से सरकार का लक्ष्य देश में साल 2024-25 में मछली के उत्पादन को लगभग 70 लाख टन तक बढ़ाने का है। वहीं सरकार इस योजना की मदद से 1 लाख करोड़ रुपए की कमाई का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस योजना की मदद से अगले 5 साल में 70 लाख टन का अतिरिक्त मछली उत्पादन होगा।

किसे मिलेगा लाभ
इस योजना की मदद से सरकार मछुआरों, मतस्य पालन से जुड़े लोगों को मदद पहुंचाएगी। केज कल्चर, सी विड. फार्मिंग, ओर्नामेंटल, फिशरीज और नए फिशिंग वेसल्स की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। मत्स्य विकास योजना पर सरकार 20,000 करोड़ का पैकेज खर्च करेगी, जो आत्मनिर्भर भारत योजना का हिस्सा होगा। आपको बता दें कि फिशरी सेक्टर 1.4 करोड़ लोगों को रोगजार उपलब्ध कताता है। भारत की GDP का 0.91 फीसदी योगदान इस सेक्टर का है। अब इस सेक्टर को विकसित कर सरकार इसके निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य बना रही है।