पीएम मोदी के नोटबंदी के कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को हुआ 5 लाख करोड़ का फायदा!
नोटबंदी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था से 5 लाख करोड़ रुपए के करेंसी नोट कम हो गए हैं, पर फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से चल रही है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था से 5 लाख करोड़ रुपए के करेंसी नोट कम हो गए हैं, पर फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से चल रही है। यह बात नोटबंदी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की और से तैयार की गई आतंरिक रिपोर्ट में सामने आई हैं। मेल टुडे की खबर के मुताबिक नोटबंदी को लेकर अधिकारियों ने उसके सकारात्मक प्रभाव पर एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में यह प्रमुख बातें सामने आई हैं।
नोटबंदी के बाद सरकार का टैक्स बेस बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार को 23.8 फीसदी ज्यादा टैक्स प्राप्त हुआ। इस 23.8 फीसदी टैक्स में से कम से कम 10 फीसदी टैक्स नोटबंदी के कारण सरकार को प्राप्त हुआ।
नोटबंदी के बाद 91 लाख नए लोग टैक्स के दायरे में आ गए। नोटबंदी के बाद यह असर पड़ा है कि अब लोग यह बात नहीं छुपा पा रहे हैं कि कौन कितना आय छिपा रहा है। 24 लाख लोगों ने बताया है कि उनकी आय 10 लाख रुपए से अधिक है।
नोटबंदी से पहले जहां हर दिन 1 लाख पैन कार्ड इश्यू होते थे। पर अब हर दिन 2-3 लाख पैन कार्ड इश्यू हो रहे हैं।
पिछले वित्त में करीब 300 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए थे, सरकार को उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष में करीब 2500 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हो जाएंगे।
पेटीएम, एसबीआई बड्डी और फ्रीचार्ज जैसे मोबाइल वॉलेट्स के जरिए प्रतिदिन 200 करोड़ रुपए का भुगतान होने लगा है। पिछले पांच महीनों में 2 करोड लोगों ने भीम ऐप डाउनलोड किया है। भीम ऐप और यूपीआई गेटवे के जरिए प्रतिदिन 140 करोड़ रुपए ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। नोटबंदी के बाद करीब 240 करोड़ डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन किए गए हैं। जोकि कुल 3.3 लाख करोड़ रुपए के लेन-देन को दिखाते हैं।
नोटबंद के बाद स्मॉल स्केल इंडस्ट्री में ब्याज दरों में कटौती हुई। सरकार का मानना है कि सीधे तौर पर इसका फायदा एसएमई सेक्टर को मिला।
नोटबंदी के हाउसिंग सेक्टर में होम लोन की ब्याज दर में भी गिरावट आई। नोटबंदी से पहले जहां 9.3 फीसदी होम लोन की ब्याज दर थी, वहीं वो अब कम होकर 8.2 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है।
नोटबंदी के बाद और ज्यादा कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में पैसा जमा होने लगा। नोटबंदी के बाद ईपीएफ खाते में योगदान 3.7 फीसदी तक बढ़ गया। मार्च तक 4.5 करोड पीएफ खाताधारकों के बैंक खाते में पैसा जमा हुआ।
नोटबंदी के दौरान बिजली घरों में पुराने 500-1000 रुपए के नोट से बिजली का बिल जमा किए जाने की छूट थी जिसके चलते डिस्कॉम में 25000 करोड़ रुपए के बंद किए गए नोट जमा हुए। एक साल की तुलना में डिस्कॉम ने 4500 करोड़ रुपए अधिक रूपए वसूल किए।
देश की अरबन लोकल बॉडीज में कैशलेस पेमेंट के जरिए सिर्फ 1000 करोड़ टैक्स जमा होता जो अब बढ़कर 3500 करोड़ रुपए हो गया है। इस तरह से अरबन लोकल बॉडीज में कैशलेस टैक्स जमाकर वालों की संख्या 245 फीसदी बढ़ गई है।
नोटबंदी से पहले एनएचएआई के टोल प्लॉजा पर सिर्फ 3 फीसदी ही लोग कैशलेस पेमेंट करते थे पर अब कैशलेस पेमेंट करने वालों की संख्या बढ़कर 15 फीसदी हो गई है।
नोटबंदी से पहले पेट्रोल और डीजल के आउटलेट पर सिर्फ 4500 करोड़ रुपए का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होता था। नोटबंदी के बाद यह बढ़कर 12,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। पेट्रोल पंपों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन 9 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गया है।
नोटबंदी से पहले सिर्फ भारतीय रेलवे में सिर्फ 50 फीसदी टिकट ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुक होते थे। पर नोटबंदी के बाद अब 68 फीसदी रेलवे टिकट ऑनलाइन बुक होना शुरू हो गए हैं।