रिकॉर्ड स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें, बढ़ी मोदी सरकार की टेंशन
दिल्ली में, एक जुलाई के बाद से पेट्रोल की कीमतों में 13 प्रतिशत और डीजल की कीमतों में 16 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
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नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें लगातार आम आदमी की जेब में आग लगा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने से देश के कई शहरों में डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर हैं। वहीं पेट्रोल की कीमतें भी पिछले तीन सालों में सबसे ऊपर हैं। हाल के महीनों में वैश्विक कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से महंगाई को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। पहले जिस तरह तेल की गिरती कीमतों से सरकार को राहत मिली थी, अब बढ़ी हुई कीमतें उसके कहीं ज्यादा परेशानी पैदा कर रही हैं।
महंगा हुआ क्रूड ऑयल तो बढ़ेगी दिक्कत
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल है, जोकि अभी काबू में हैं, लेकिन अगर कीमतें इससे ऊपर जाती हैं तो यह सरकार के लिए काफी चिंताजनक होगा। 2014 में जब तेल की कीमतें कम हुईं थी तो सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया था। अब अगर कीमतें बढ़ती हैं तो महंगाई पर लगाम कसने के लिए सरकार को पेट्रोल-डीजल से ड्यूटी कम करनी होगी।
दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतें
इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक सोमवार को डीजल, दिल्ली में 61.74 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 64.40 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 65.74 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 65.08 रुपए प्रति लीटर बिका। वहीं, पेट्रोल की कीमतें इस समय दिल्ली और चेन्नई में अगस्त 2014 के बाद सबसे ऊपर हैं। कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें जुलाई 2015 के बाद सबसे ऊपर और मुंबई में अक्टूबर 2017 के बाद टॉप पर हैं। दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल 71.18 रुपए प्रति लीटर, कोलकात में 73.91 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 79.06 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 73.80 रुपए प्रति लीटर बिका।
पेट्रोल में 13 और डीजल में 16 फीसदी की बढ़ोत्तरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 जुलाई के बाद से कच्चे तेल की कीमतें 46 प्रतिशत तक बढ़ी हैं, जबकि डीजल की कीमतों में 42 फीसदी और पेट्रोल की कीमतों में 22 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली में, एक जुलाई के बाद से पेट्रोल की कीमतों में 13 प्रतिशत और डीजल की कीमतों में 16 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। स्थानीय टैक्स के मुताबिक अलग अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी अलग-अलग हैं।
कैसे होता है कीमतों का निर्धारण
भारत में पिछले कुछ सालों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बाजार में निर्धारित होती रही हैं, जहां राज्य की कंपनियां ईंधन के रिटेल बाजार में 90% से भी ज्यादा का नियंत्रण करती हैं। तेल कंपनियां अपना मार्केटिंग मार्जिन, डीलरों का कमीशन और सरकार की ड्यूटी जोड़कर ईंधन की रिटेल कीमतों का नियंत्रण करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी हद तक कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं।