फिर से महंगा होगा पेट्रोल और डीजल, OPEC सदस्य तेल उत्पादन में कटौती को तैयार
नई दिल्ली। 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार के सामने एक नया संकट आ सकता है। जी हां यह संकट पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ओपेक (OPEC) सदस्यों और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमत थामने के मकसद से तेल उत्पादन में रोजाना 1.2 मिलियन बैरल कटौती का फैसला किया है। उनका मकसद कच्चे तेल की गिरती कीमत रोकना है। बता दें कि ओपेक देशों के बीच हुआ समझौता पहली जनवरी से प्रभावी होगा। लेकिन पेट्रोल की कीमत तो अभी से बढ़ने लगी हैं। ओपेक का फैसला आते ही कच्चे तेल की कीमत में पांच प्रतिशत का उछाल देखा गया। भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल आयात करता है। ऐसे में कीमत में इजाफे का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की आशंका है, जो मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
दुनिया भर में तेल उत्पादन का आधा हिस्सा OPEC और उसके साझेदार देशों का ही है
दुनिया भर में तेल उत्पादन का आधा हिस्सा ओपेक और उसके साझेदार देशों का ही है। जानकारी के अनुसार ओपेक की अहम बैठक में आम राय बनी कि तेल उत्पादन अधिक होने के कारण पिछले दो माह में कीमतें 30 प्रतिशत से ज्यादा गिरी हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अक्टूबर से शुरू हुई गिरावट बड़ी राहत की खबर साबित हुई थी।
क्रूड ऑयल की बढ़ी कीमतें
ओपेक देशों के तेल उत्पादन के कम करने के फैसले की घोषणा करने के कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। ब्रोकिंग एंजेल वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में क्रूड ऑयल 60 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। जो कल तक 58 डॉलर प्रति बैरल था। अब इसका असर आने वाले समय में जल्द देखने को मिल जाएगा। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में तेल का उत्पादन काफी हो रहा था। जिसकी वजह से कच्चे तेल के दाम निचले स्तर पर थे। पिछले कुछ दिनों से ओपेक देश उत्पादन में कटौती की बात भी कर रहे थे।
बढ़ेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम
ओपेक देशों के इस फैसले और रूस का समर्थन मिलने के बाद कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे। जिसका असर तेल आयात देशों में देखने को मिलेगा। अगर बात भारत की करें तो आने वाले दिनों में इस असर देखने को मिल जाएगा। एंजेल ब्रोकिंग के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के अनुसार पेट्रोल औरर डीजल के दाम में अगले कुछ दिनों में बढ़ने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि कच्चे तेल के दाम 68 डॉलर बैरल तक जा सकते हैं। जिससे घरेलू स्तर पेट्रोल और डीजल के दाम में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा।