ATM से सिर्फ तीन बार मुफ्त में निकाल पाएंगे रुपए, डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने के लिए हो सकता है फैसला
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एटीएम से रुपए निकालने की संख्या को कम सकती है। इस बावत केंद्र सरकार को देश के बैंकों ने एक प्रस्ताव दिया है।
नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एटीएम से रुपए निकालने की संख्या को कम सकती है। इस बावत केंद्र सरकार को देश के बैंकों ने एक प्रस्ताव दिया है। ईटी की खबर के मुताबिक सरकार एटीएम से मुफ्त निकासी की संख्या को घटाकर सिर्फ 3 करने के प्रस्ताव के बारे में सोच रही है। अभी तक के नियमों के मुताबिक एक महीने में 8 से 10 बार तक एटीएम से पैसा निकालने पर बैंक शुल्क नहीं लेते हैं। इसमें दूसरे एटीएम से पैसा निकालने की लिमिट भी शामिल है।
देश के बैकों के अधिकारियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट से पहले की बैठक में इस बाबत चर्चा हुई थी। सूत्रों ने बताया कि डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार इस बावत फैसला कर सकती है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक बैंकर ने बताया कि वित्त मंत्रालय के साथ फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस की संख्या को घटाकर प्रति महीने 3 करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है। इस पूरी कवायद को नगद राशि को कम से कम का प्रयोग करने के लिए किया जा रहा है। एक अन्य प्राइवेट बैंकर ने ईटी को बताया कि फ्री ट्रांजैक्शंस की व्यवस्था एक अलग समय में की गई थी। पर आज के समय में हालात बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर तीन फ्री ट्रांजैक्शंस की इजाजत ही दी जाएगी तो लोग अपने आप ही अधिक से अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शंस करेंगे।
आपको बताते चलें कि देश भर में इस समय ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को हर महीने 5 एटीएम ट्रांजैक्शंस की सुविधा फ्री देते हैं और इसके बाद प्रति ट्रांजैक्शन 20 रुपए का शुल्क और सर्विस टैक्स अलग से वसूला जाता है। इसके अलावा मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में बैंक दूसरे बैंकों के ग्राहकों को तीन बार ही मुफ्त में एटीएम से पैसे निकालने दिए जाते हैं। ये नियम नवंबर 2014 से लागू किया गया है। Read Also: नोटबंदी के 69 दिन बाद आरबीआई ने बचत खाताधारकों को दी एटीएम से 10,000 रुपए निकालने की इजाजत
दूसरी
तरफ
यह
भी
देखा
गया
है
कि
नोटबंदी
के
फैसले
के
बाद
एटीएम
से
पैसे
निकालने
की
संख्या
सिर्फ
10-20
फीसदी
ही
रह
गई
है।
अगर
डिजिटल
पेमेंट
की
संख्या
और
ज्यादा
तेजी
से
बढ़ती
है
तो
एटीएम
इस्तेमाल
के
लिए
शुल्क
शुल्क
बढ़ाने
पर
विचार
किया
जा
सकता
है।
पर
वहीं
केंद्र
सरकार
ग्राहकों
के
लिए
ट्रांजैक्शन
लागत
को
घटाना
चाहती
है।
इसलिए
शुल्क
बढ़ाने
का
कदम
नहीं
उठाया
जा
सकता
है।
आपको
बताते
चले
कि
पिछले
सप्ताह
ही
नीति
आयोग
के
सीईओ
अमिताभ
कांत
ने
कहा
था
कि
डेबिट-क्रेडिट
कार्ड्स,
एटीएम
और
पीओएस
मशीनों
का
इस्तेमाल
वर्ष
2020
तक
लगभग
बंद
हो
जाएगा।