मोदी सरकार देने जा रही है एक और बड़ा फैसला, इन सरकारी कंपनियों को होगा फायदा
नई दिल्ली। मोदी सरकार आने के बाद ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A को खत्म कर दिया। वहीं अब सरकार बीमा सेक्टर में भी बड़ा फैसला लेने जा रही है। सरकार तीन इंश्योरेंस कंपनियों को एक करने की तैयारी में है। तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के बीच मर्जर के प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिल सकती है। इसके लिए ड्राफ्ट नोट तैयार किया जा चुके हैं।
बीमा कंपनियों का विलय
सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को एक करने का प्रस्ताव मंजूर कर सकती है। सरकार के पास यूनाइडेट इंडिया, नेशनल इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस के मर्जर का प्रस्ताव आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन तीनों कंपनियों के बीच मर्जर के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट ड्राफ्ट नोट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इन तीन बीमा कंपनियों का मर्जर
कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इन तीन बीमा कंपनियों को मर्ज कर दिया जाएगा। तीनों कंपनियां मिलकर एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी बनेगी। अगर ये कंपनी बनती है तो ये देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी। हालांकि फिलहाल कंपनियों के बीच पूंजी को लेकर खींचतान चल रही है। तीनों ही कंपनियों की वित्तीय हालत काफी कमजोर है। वहीं कुछ शर्तें भी पूरी नहीं हो पा रही है। इन कंपनिों का मार्केट शेयर 25% है। वहीं सॉल्वेंसी रेश्यो 1% से भी नीचे है, जो कि नियमानुसार 1.5% होना चाहिए। इस विलय को लेकर इंश्योरेंस रेगुलेटर (IRDA) पहले ही अपनी समस्याएं और चिंताएं सरकार के सामने रख चुका है। अब देखना है कि कैबिनेट से इन्हें मंजूरी मिलती है कि नहीं।
IRDA ने जताई चिंता
IRDA ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की खराब हालत को देखते हुए वित्त मंत्री को चिट्ठी भी लिखथी और बीमा कंपनी की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताते हुए वि त्त मंत्री को इससे अवगत कराया। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह मुद्दा सरकार के सामने बार-बार उठाया है क्योंकि कंपनी का सॉल्वेंसी रेशियो एक प्रतिशत से नीचे चला गया है।