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न आकाश, न ईशा, रिलायंस के 97,885 करोड़ की डील में इस 'मोदी' का हाथ

न आकाश, न ईशा, रिलायंस के 97885 करोड़ की डील में 'मोदी' का हाथ

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश में जारी लॉकडाउन के बीच दिग्गज टेलीकॉम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री ने जियो प्लेटफॉर्म के लिए 97885.65 करोड़ रुपए के निवेश जुटाए। रिलायंस इंडस्ट्री ने 7 हफ्ते के भीतर जियो प्लेटफॉर्म की 21 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 97,885. 65 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है। इस डील की शुरुआत सोशल मीडिया की अग्रणी कंपनी फेसबुक के साथ शुरू हुई और इसके बाद एक के बाद एक कर 8 कंपनियों ने जियो में निवेश किया है।

 Not Aakash no Isha Ambani, Here Meet the man behind Mukesh Ambanis Rs 97885 Crore Deal

इन निवेशों के बाद जियो प्लेटफॉर्म्स सबसे ताकतवर कंपनी बन कर उभरी है। 7 हफ्ते के भीतर दुनिया की 8 बड़ी कंपनियों ने रिलायंस जियो मे निवेश किया। इन डील्स के बाद एक नाम की चर्चा जोर-शोर से होने लगी। ये नाम ना को आकाश अंबानी का है और न ही ईशा अंबानी का। बल्कि रिलायंस के इस 97885.65 करोड़ के मेगा डील के पीछे एक बेहद साधारण शख्स का नाम शामिल है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बेहद करीबी मनोज मोदी का।

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 मुकेश अंबानी के राइट हैंड हैं मोदी

मुकेश अंबानी के राइट हैंड हैं मोदी

एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी के बेहद खास मनोज मोदी फेसबुक समेत जियो की इस मेगा डील्स के मेन हीरो रहे हैं। मनोज मोदी ने न केवल फेसबुक को जियो में 43574 करोड़ के निवेश के लिए मनाया बल्कि सिल्वर लेक, विस्टा, अटलांटिक, अबूधाबी की मुबाडला और अबूधाबी इनेवेस्टमेंट अथॉरिटी जैसी बड़ी डील में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है। मनोज मोदी मुकेश अंबानी के दाहिने हाथ कहलाते हैं। कंपनी ने उनका बड़ा दबदबा है। मुकेश अंबानी की कोर टीम में मनोज मोदी का अहम स्थान है। इन डील्स से पहले उन्होंने हजीरा में रिलायंस की पेट्रोकेमिकल परियोजना के साथ-सथ जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी परियोजना को अंजाम तक पहुंचाया था। उन्हीं की कल्पना मानी जाती है और उसे अंजाम तक पहुंचाने में उनकी अहम ...

 लो प्रोफाइल, लेकिन कंपनी में दबदबा

लो प्रोफाइल, लेकिन कंपनी में दबदबा

मनोज मोदी लो प्रोफाइल रहने वाले शख्स है। वो मीडिया और चर्चाओं से दूर रहते हैं, लेकिन कंपनी ने उनका दबदबा है। मोदी रियांस रिटेल के सीईओ भी है। कंपनी में उनकी साथ एक बड़े डील क्रैकर के तौर होती है। उनके बारे में कहा जाता है कि जिस निवेशक के साथ मनोज मोदी ने मीटिंग के लिए हामी भर दी वो डीज फाइनल हो ही जाती है। चर्चाओं और मीडिया की हेडलाइन से दूर रहने वाले मनोज मुकेश अंबानी के करीबी है। उन्होंने ही मुकेश अंबानी की सोच को अमलीजामा पहनाते हुए रिलायंस इंडस्ट्री को पेट्रोकेमिकल्स के बजाए इंटरनेट और टेलीकॉम्यूनिकेशन की दिशा में बढ़ाया।

 मुकेश अंबानी के क्लासमेट

मुकेश अंबानी के क्लासमेट

मनोज मोदी मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। मोदी और मुकेश अंबानी क्लासमेट और अच्छे दोस्त रहे हैं। दोनों की मुलाकात कॉलेज में हुई, जिसके बाद दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। रिलायंस के साथ वो 1980 से ही जुड़े हैं। साल 2007 में मनोज मोदी रिलायंस के रिटेल सेक्शन के सीईओ बनाए गए। इसके बाद उन्होंने जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी में काम के दौरान जबरदस्त डीलिंग की, इसी डील के बाद से वो मुकेश अंबानी के दाहिने हाथ बन गए। लो प्रोफाइल रहने वाले मनोज मोदी अपनी एग्रेसिव लैंग्वेज के लिए भी जाने जाते हैं। आज वो अंबानी परिवार के बेहद करीबी और विश्वासी है। रिलायंस के हर बड़े प्रोजेक्ट में इनका बड़ा रोल होता है।

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English summary
Manoj Modi, the man behind Reliance Industries Rs 97885 billion investment deals.
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