Infosys का दावा- व्हिसलब्लोअर के आरोपों के कोई सबूत नहीं, 6% से ज्यादा बढ़ा शेयर
नई दिल्ली। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने कहा कि प्राथमिक जांच में व्हिसलब्लोअर के आरोपों की पुष्टि के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इंफोसिस की ओर से यह बयान आने के बाद सोमवार को कंपनी के शेयरों में 6 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई। हालांकि क्लोजिंग 3% बढ़त के साथ हुई। बता दें कि व्हिसलब्लोअर ने इंफोसिस के मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगते हुए दावा किया था कि कंपनी ने अपना मुनाफा और आमदनी बढ़ाने के लिए अनैतिक कदम उठाए हैं।
दो नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को लिखे पत्र में कंपनी ने कहा कि जांच के दौरान कोई भी तथ्य या फिर सबूत सामने नहीं आया, जो यह साबित करता हो कि सलिल पारेख ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़ी डील की हो, और उससे कंपनी को वित्तीय तौर पर नुकसान हुआ है। पिछले महीने अमेरिकी शेयर बाजार नियामक ने भी इस मामले को लेकर के जांच शुरू की थी। व्हिसिलब्लोअर का आरोप था कि पारेख ने कंपनी की आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनुचित तरीकों का प्रयोग किया था।
इंफोसिस चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने कहा कि 20 सितंबर को मिली व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को 10 अक्टूबर को ऑडिट समिति के सामने रखा गया। हालांकि एक अन्य शिकायत को भी समिति के सामने रखा गया था जिस कोई तारीख नहीं थी। नीलेकणी के बयान के मुताबिक, कंपनी बोर्ड के एक सदस्य को यह शिकायत 30 सितंबर को मिली। उन्होंने कहा था कि दोनों ही शिकायतों को 11 अक्तूबर को बोर्ड के गैर कार्यकारी सदस्यों के सामने रखा गया था। इसी दिन कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। 22 अक्तूबर के 'बयान' शीर्षक से किए गए एलान में नीलेकणी ने कहा कि इंफोसिस को व्हिसलब्लोअर की शिकायतें मिली हैं।