बैंकों का मर्जर,क्या होगी बैंक कर्मचारियों की छुट्टी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बैंकों के मर्जर को मंजूरी दे दी। 10 बैंकों का विलय कर 4 बैंक बनाए जाने का फैसला किया गया। बैंकों के मर्जर के बाद से न केवल खाताधारकों की चिंता बढ़ गई है बल्कि बैंक कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट के बादल मंडराने लगा है। बैंकों के विलय के बाद कई बैंकों की शाखाएं बंद होगी, ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या बैंक कर्मचारियों की नौकरी पर संकट हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित विलय से बैंक कर्मचारियों की नौकरी जाने के खतरे की चिंता को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि बैंकों के विलय के एक भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि बैंक यूनियनों को चिंता करने कती जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इनमें से हर बैंक की सभी यूनियनों को और कर्मचारियों को आश्वासन देना चाहती हूं कि वो मेरी बातों को याद रखें और उसपर विश्वास रखें। उन्होंने कहा कि मैंने मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की। सरकार ने पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय का फैसला किया है।