SBI खाताधारकों के लिए बड़ी खबर, सेविंग एकाउंट में मिनिमम बैंलैंस और जुर्माने की राशि में हुआ बदलाव
अगर आपका बैंक खाता भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है...
नई दिल्ली। अगर आपका बैंक खाता भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। देश के सबसे बड़े बैंक 'एसबीआई' ने अपनी चारों तरह की शाखाओं में बचत खाता रखने वालों के लिए मिनिमम (कम से कम) बैलेंस की राशि निर्धारित कर दी है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, महानगरों और शहरी क्षेत्रों में स्थित एसबीआई की शाखाओं में बचत खाता रखने वाले ग्राहकों को 3000 रुपए का मासिक बैंलेंस अनिवार्य तौर पर अपने खाते में रखना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर बैंक की तरफ से पैनल्टी चार्ज वसूला जाएगा। इसी तरह से अन्य तीन शाखाओं के खाता धारकों के लिए भी मिनिमम बैलेंस की राशि तय कर दी गई है।
खाते में होने चाहिए कम से कम इतने रुपए
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, महानगरों और शहरी क्षेत्रों में स्थित बैंक शाखाओं में बचत खाता रखने वाले ग्राहकों को 3000 रुपए का मिनिमम मासिक बैलेंस रखना होगा। वहीं, अर्ध शहरी क्षेत्रो में स्थित बैंक शाखाओं के ग्राहकों को अपने बचत खाते में कम से कम 2000 रुपए रखने होंगे। इनके अलावा जिन ग्राहकों का खाता ग्रामीण क्षेत्र के एसबीआई में है, उन्हें अपने बचत खाते में 1000 रुपए का मासिक बैलेंस रखना होगा। इस मिनिमम बैलेंस से कम राशि रखने पर बैंक की तरफ से पैनल्टी के तौर पर शुल्क वसूला जाएगा।
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कम बैलेंस होने पर लगेगा इतना शुल्क
महानगरों और शहरी क्षेत्रों के एसबीआई ग्राहकों के बचत खाते में अगर मासिक बैलेंस 3000 रुपए से 50 फीसदी कम मिलता है तो उनसे हर महीने 10 रुपए जीएसटी अलग से जोड़कर पैनल्टी शुल्क के तौर पर लिए जाएंगे। वहीं, अगर मिनिमम बैलेंस की राशि 50 फीसदी से 75 फीसदी के बीच कम पाई जाती है तो उनसे हर महीने 12 रुपए जीएसटी अलग से जोड़कर पैनल्टी शुल्क वसूला जाएगा। अगर बैंक खाते में मौजूद रकम मिनिमम बैलेंस के 75 फीसदी से भी कम मिलती है तो हर महीने 15 रुपए जीएसटी जोड़कर वसूले जाएंगे।
अर्ध शहरी क्षेत्रों में ये है जुर्माने की रकम
इसी तरह अर्ध शहरी क्षेत्रों में स्थित बैंक के ग्राहकों के खाते में अगर मिनिमम बैलेंस 50 फीसदी से कम मिलता है तो 7.5 रुपए और जीएसटी अलग से जोड़कर पैनल्टी शुल्क वसूला जाएगा। मिनिमम बैलेंस की राशि अगर 50 फीसदी से 75 फीसदी के बीच कम मिलती है तो पैनल्टी शुल्क के तौर पर 10 रुपए जीएसटी जोड़कर लिए जाएंगे। 75 फीसदी से कम मिनिमम बैलेंस होने पर 12 रुपए जीएसटी जोड़कर पैनल्टी शुल्क वसूला जाएगा। पैनल्टी का यह शुल्क बचत खाते में मौजूद रकम से ही काट लिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र के खाताधारक भी ध्यान दें
अगर आपका खाता ग्रामीण क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है और आपका मिनिमम बैलेंस 50 फीसदी से कम रहता है तो बैंक आपसे हर महीने 5 रुपए, जिसमें जीएसटी भी जोड़ा जाएगा, वसूल करेगा। मिनिमम बैलेंस की राशि अगर 50 फीसदी से 75 फीसदी के बीच कम मिलती है तो पैनल्टी शुल्क के तौर पर 7.5 रुपए जीएसटी जोड़कर लिए जाएंगे। 75 फीसदी से कम मिनिमम बैलेंस होने पर 10 रुपए जीएसटी जोड़कर पैनल्टी शुल्क वसूला जाएगा। ऐसे में यह जरूरी है कि बैंक की पैनल्टी से बचने के लिए आप अपने खाते में मिनिमल बैलेंस जरूर रखें।
इन खातों पर लागू नहीं होगा नियम
हालांकि स्टेट बैंक की तरफ से कहा गया है कि मिनिमम बैलेंस का ये नियम एसबीआई के सैलरी अकाउंट, बेसिक सेविंग अकाउंट, छोटे बचत खातों और जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों पर लागू नहीं होगा। एसबीआई में जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने की भी सुविधा उपलब्ध है। इस तरह के खातों में मिनिमम बैलेंस रखने का कोई नियम नहीं है। यह खाता सिंगल या ज्वाइंट दोनों तरीकों से खोला जा सकता है और भारतीय स्टेट बैंक की सभी शाखाओं में इसे खोलने की सुविधा मौजूद है।
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