यूनिटेक को अपने कब्जे में ले सकती है सरकार, मांगे 10 डायरेक्टर्स के नाम
नई दिल्ली। कर्ज के बोझ तले दबी रियल एस्टेट कंपनी लगभग दिवालिया होने के कगार पर है। कंपनी कर्ज चुकाने में असमर्थ है। ऐसे में जल्द इस कंपनी पर सरकार का अधिकार हो सकता है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने कंपनी पर सरकार के कब्जे की ओर इशारा किया है। एनसीएलटी ने केंद्र सरकार को अधिकार दिया है कि वो कंपनी में 10 नए डायरेक्टर्स को नियुक्त करें। सरकार को 20 दिसंबर तक कंपनी के 10 नए डायरेक्टर्स के नाम देने को कहा गया है।
यूनिटेक पर सरकार कब्जा
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने यूनिटेक के ऊपर अपना अधिकार पाने के लिए कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अर्जी दी थी। सरकार ने इस अर्जी के साथ-साथ यूनिटेक के मौजूदा बोर्ड को भंग करने की मांग की थी। आपको बता दें कि बुरे दौर से गुजर रहे रियर एस्टेट कंपनियां अपना कर्ज चुका पाने में असमर्थ है। वो न तो अपना प्रोजेक्ट पूरा कर पा रही है और न ही कर्ज चुका पा रही है।
सरकार ने दायर की याचिका
एनसीएलटी बेंच में सरकार ने याचिका दायर कर यूनिटेक पर कंट्रोल पाने की कोशिश की है। सरकार यूनिटेक के बोर्ड में अपने 10 सदस्यों को नियुक्त करना चाहती है, ताकि कंपनी पर उसका कंट्रोल स्थापित हो सके। सरकार ने इस याचिका के साथ ही मौजूदा डायरेक्टर और सीएफओ की अपनी संपत्ति बेचने पर भी रोक लगा दी है।
क्या है मामला
यूनिटेक ने फ्लैट खरीददारों से धनराशि तो ले ली, लेकिन उन्हें तय वक्त पर न तो फ्लैट दिए और न ही पैसे लौटाए। जिसके बाद खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को यूनिटेक को आदेश देते हुए कहा है कि वो 31 दिसंबर तक कोर्ट की रजिस्ट्री में 750 करोड़ रुपये जमा कर दें, ताकि घर खरीददारों को उनका पैसा वापल लौटाया जा सके।