विशाल सिक्का के बाद अब नंदन नीलेकणी की हो सकती है इंफोसिस में वापसी, नारायण मूर्ति के हैं करीबी
नई दिल्ली। विशाल सिक्का के इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देने का बाद अब माना जा रहा है कि कंपनी में नंदन नीलेकणी की वापसी हो सकती है। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि आखिर उन्हें कंपनी में वापस लाने के बाद क्या भूमिका दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों के अंदर या फिर 48 घंटे के अंदर ही नीलेकणी की वापसी होने की संभावना है।
मूर्ति ने निवेशकों से मीटिंग की कैंसिल
आपका बता दें कि बुधवार यानी आज शाम को 6.30 बजे नारायण मूर्ति कंपनी के निवेशकों से मिलने वाले थे, लेकिन अब उन्होंने अपना यह कार्यक्रम रद्द कर दिया है। दरअसल, उनकी तबियत ठीक नहीं है, जिसके चलते उन्होंने निवेशकों के साथ होने वाली कॉन्फ्रेंस कॉल को रद्द कर दिया है। अब यह कॉन्फ्रेंस कॉल 29 अगस्त को होगी।
निवेशकों की है ये मांग
मंगलवार को टॉप फंड मैनेजर्स और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स ने इंफोसिस बोर्ड को पत्र लिखकर नीलेकणी को कंपनी में वापस लाने की मांग की है और उपयुक्त जगह देने की भी मांग की है। निवेशकों ने विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद शेयरों में आई भारी गिरावट पर चिंता जताते हुए यह मांग की है। उनका मानना है कि सिर्फ नीलेकणी ही इस खराब स्थिति से कंपनी को बाहर निकाल सकते हैं।
कौन हैं नीलेकणी?
नीलेकणी 5 साल तक इंफोसिस के सीईओ रहे हैं। 2009 में उन्होंने यूआईडीएआई का चेयरमैन बनने के लिए कंपनी छोड़ी थी। यहां पर आपको बता दें कि नीलेकणी नारायण मूर्ति के भी करीबी हैं। नीलेकणी परिवार के पास कंपनी के कुल 2.29 फीसदी शेयर हैं। यह भी माना जाता है कि नीलेकणी को कंपनी के बोर्ड का विश्वास प्राप्त है।