42 करोड़ SBI खाताधारक ध्यान दें! अपने पास जरूर रखें ये दो फोन नंबर, मुश्किल में आएगा काम
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने के 42 करोड़ खाताधारकों के लिए ये खबर खास है। खास इसलिए क्योंकि ये खबर आपके खाते से जुड़ी है। उस खाते से जहां आप अपनी जमापूंजी को सुरक्षित रखते हैं। SBI ने सोशल मीडिया के जरिए अपने खाताधारकों से अपील की है कि वो हमेशा अपने पास दो नंबरों को सुरक्षित रखें। इन दो नंबरों की मदद से वो मुश्किल वक्त में बैंक से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
SBI खाताधारकों के लिए खास जानकारी
SBI ने अपने खाताधारकों को फ्रॉड से बचने की सलाह दी है। ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंक ने अपने अकाउंट होल्डर्स को सलाह की है कि वो किसी भी धोखाधड़ी या फ्रॉड के दौरान कैसे खुद को सुरक्षित रखें। किसी भी तरह के फ्रॉड या धोखाधड़ी के मामले में फौरन बैकं को जानकारी देनी जरूरी है। एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने दो मोबाइल नंबर जारी किए हैं, जिनपर फोन कर आप फौरन बैंक को अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी दे सकते हैं।
सेव कर लें ये दो नंबर
अगर आप SBI खाताधारक हैं तो आज ही अपने मोबाइल में ये दो सेव करें। एसबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दी जानकारी में बताया है कि अगर आप किसी भी तरह के अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन का शिकार हुए हैं, तो फौरन इन टोल-फ्री नंबरों पर तुरंत सूचित करें । एसबीआई ने 1-800-425-3800 / 1-800-11-2211 दो टोलफ्री नंबर जारी किए हैं।
3 दिनों के भीतर बैंक को दें जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर लोगों को सलाह दी है कि अगर आपके बैंक अकाउंट से कोई फ्रॉड होता है और खाताधारकों की जिम्मेदारी है कि वो वक्त पर बैंक को इसकी सूचना दे। RBI के मुताबिक अगर आप वक्त पर बैंक को इसकी सूचना देते हैं तो आपका नुकसान होने से बच सकता है। सर्कुलर के मुताबिक आपको तीन दिनों के भीतर बैंक को इसकी सूचना देनी होगी। अगर आपके बैंक अकाउंट से कोई अनधिकृत लेन-देन या फ्रॉड हुआ है तो आपको बैंक को इसके बारे में तीन दिन के अंदर जानकारी देनी होगी। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस मामले में आपकी जिम्मेदारी शून्य होगी। RBI के मुताबिक अगर अनधिकृत लेन-देन या फ्रॉड आपकी गलती या लापरवाही से नहीं हुआ है, तो बैंक आपके नुकसान की पूरी भरपाई करेगा। हालांकि इसके लिए सीमा निर्धारित है। जैसे सामान्य बचत खाता के लिए अनधिकृत लेन-देन की स्थिति में आपकी जिम्मेदारी 10,000 रुपए तक होगी।