Must Read: मोदी 2.0 का बड़ा फैसला, इन 10 सरकारी बैंकों का हुआ विलय, जानिए क्या होगा खाताधारकों पर असर?
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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय करने का ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सिस्टम में सुधार लाने के लिए बड़ा कदम उठाया और बैंकों के विलय का फैसला किया। वित्त मंत्री ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े सरकारी बैंक बनाने का ऐलान किया गया। पीएनबी, ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इसके साथ ही कैनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में विलय होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा। यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के साथ विलय होगा। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल जो लोगों के मन में उठ रहा है वो यह कि इस विलय के बाद बैंक के कई ब्रांच बंद होंगे, ऐसे में उस बैंक के खाताधारकों पर क्या असर होगा?
बैंकों के मर्जर से क्या होगा खाताधारकों पर असर?
बैंकों
के
विलय
के
बाद
बैंकों
की
कई
ब्रांच
बंद
हो
जाएंगे,
जबकि
कई
नई
ब्रांच
खुलेंगी।
बैंकों
के
विलय
का
असर
इन
बैंकों
के
ग्राहकों
पर
क्या
होने
वाला
है,
ये
सवाल
सबके
मन
में
उठ
रहा
है।
डीएफएस
के
सचिव
राजीव
कुमार
ने
बैंकों
के
विलय
से
बैंक
के
खाताधा
रकों
पर
कोई
असर
नहीं
होगा।
खाताधारकों
पर
कोई
असर
नहीं
होगा
लेकिन
उनका
थोड़ा
काम
जरूर
बढ़
जाएगा।
बैंकों
के
विलय
के
बाद
इस
फैसले
से
आम
ग्राहकों
को
कई
काम
करने
पड़
जाएंगे।
पेपरवर्क
बढ़
जाएगा।
सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हुई
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
कहा
कि
सरकारी
बैंकों
का
88
फीसदी
बिजनेस
इन
कंसॉलिडेटेड
बैंकों
के
साथ
है।
उन्होंने
कहा
कि
क्षेत्रीय
बैंकों
के
मजबूत
कामकाज
को
देखते
हुए
सरकार
ने
इंडियन
ओवरसीज
बैंक,
यूको
बैंक,
बैंक
ऑफ
महाराष्ट्र
और
पंजाब
एंड
सिंध
बैंक
के
कामकाज
में
कोई
दखल
नहीं
लेने
का
फैसला
किया
है।
सरकार
के
इस
फैसले
के
बाद
27
सरकारी
बैंकों
की
संख्या
अब
घटकर
सिर्फ
12
रह
गई
है।
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?
बैंकों
के
मर्जर
से
बैंक
के
खाताधारकों
का
काम
थोड़ा
बढ़
जाएगा।
ग्राहकों
को
नया
अकाउंट
नंबर
और
कस्टमर
आईडी
मिल
सकता
है।
वहीं
ग्राहकों
को
नए
अकाउंट
नंबर
या
IFSC
कोड
की
जानकारी
इनकम
टैक्स
डिपार्टमेंट,
इंश्योरंस
कंपनियों,
म्यूचुअल
फंड,
नेशनल
पेंशन
स्कीम
आदि
जगहों
पर
अप
टेड
करवानी
होगी।
खाताधारकों
को
नई
चेकबुक,
डेबिट
कार्ड
और
क्रेडिट
कार्ड
इशू
किया
जा
सकता
है।
हालांकि
फिक्स्ड
डिपॉजिट
(एफडी)
या
रेकरिंग
डिपॉजिट
(आरडी)
पर
मिलने
वाले
ब्याज
दर
में
कोई
बदलाव
नहीं
होगा।
वहीं
लोन
की
ब्
याज
दर
में
कोई
बदलाव
नहीं
किया
जाएगा।
जिन
बैंक
शाखाओं
को
बंद
किया
जाएगा,
उनके
ग्राहकों
को
नई
शाखा
में
जाना
होगा।