फिर एक बार ATM के बाहर लंबी हुईं कतारें, क्या कैश की किल्लत है वजह?
नई दिल्ली। देश लगातार डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। नोटबंदी के बाद से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में इजाफा हुआ है, लेकिन अभी भी ऐसे लोगों की तादात करोड़ों में है जो कैश इस्तेमाल करते हैं। कैश निकालने के लिए हम में से अधिकांश लोग बैंक के बजाए एटीएम सुविधा का चयन करते हैं। लोग कैश के लिए एटीएम की ओर बढ़ रहे हैं तो वहीं देश में तेजी से एटीएम(ATM) की संख्या में कमी आ रही है।
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ATM की संख्या हो रही है कम
देश में एटीएम मशीनों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। हाल ही में जारी किए गए आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में देशभर में बड़ी संख्या में ATM बंद किए गए है। एटीएम मशीनों की घटती संख्या की वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एटीएम में नकदी निकालने के लिए लोगों को अब लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं आकड़ें
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून तक एटीएम से 22.19 लाख करोड़ की नकदी निकाली गई जो कि बीते साल की तुलना में 13 फीसदी तक ज्यादा है। वहीं अप्रैल 2017 में ये रकम 14.17 लाख करोड़ रुपए थी। वर्तमान में देश में कुल 88 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिनका डेबिट कार्ड का मासिक विदड्रॉल 80.9 करोड़ रुपए है। देश में बीते दो साल में करीब 597 एटीएम कम हो गए। आरबीआई के मुताबिक साल 2017 के आखिर में जहां एटीएम मशीनों की संख्या 2,22,300 थी वह 31 मार्च 2019 तक घटकर 2,21,703 रह गई। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जितना कैश सर्कुलेशन में होता है, उसके हिसाब से एटीएम का इस्तेमाल काफी कम है।
इन शहरों में बढ़ा इस्तेमाल
14 जून, 2019 को तक 22.19 लाख करोड़ की नकदी चलन में थी। रिपोर्ट के मुताबिक कम किराये वाले टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में एटीएम के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है। जानकारों के मुताबिक एटीएम के इस्तेमाल में बढ़ोतरी का एक अन्य कारण प्रधानमंत्री जन धन योजना खातों का खुलना है। ये खाते आज से तीन साल पहले खुले थे, जिनमें अब पैसे आ रहे हैं। जिसकी वजह से इन खातों से पैसे निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल बढ़ा है।