इन दो बैंकों के विलय को मिली मंजूरी, जानिए क्या होगा खाताधारकों की जमापूंजी पर असर
नई दिल्ली। बैंकों पर बढ़ते एनपीए को देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के विलय का फैसला किया। सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को विलय कर 4 बड़े सरकारी बैंक बनाने का फैसला किया। अब सरकार ने इस विलय को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने इलाहाबाद बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के विलल को मंजूरी की।
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बैंकों के मर्जर को मिली मंजूरी
इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में होने जा रहा है, जिसे लेकर अब केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बैंक ने शेयर में ये सूचना पहुंचा दी है। सोमवार को सरकार की ओर से इलाहाबाद का विलय इंडियन बैंक और यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक में विलय की सैंद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इन बैंकों के विलय से खाताधारकों पर क्या असर होगा ये जाना जरूरी है। आपको बता दें कि विलय से पहले ही बैंक, सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया था कि मर्जर का असर बैंकों के खाताधारकों पर नहीं होगा।
खाताधारकों पर असर
बैंकों के विलय का असर उनके खाताधारकों परल नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ कागजी काम जरूर पढ़ जाएंगे, लेकिन खाते में रखा आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित होगा। वहीं बैंकों के विलय का असर आपकी एफडी, लोन, होम लोन पर भी नहीं पड़ेगा। जो ब्याज दर आपको पहले मिलता वहीं मिलता रहेगा। न ही होम लोन ऑटो लोन के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन आपको अपना पासबुक अपटेड करवाना होगा। नए ब्रांच और नए नाम के साथ आपका नया पासबुक, चेकबुक बनेगा। ऑनलाइन बैंकिंग के दौरान आईएफएसआई कोड बदल जाएगा।
10 सरकारी बैंकों का विलय
गौरतलब
है
कि
10
सरकारी
बैंकों
का
आपस
में
विलय
कर
उसे
4
बना
दिया
जाएगा।
सरकार
ने
मर्जर
के
तहत
यूनाइटेड
बैंक
ऑफ
इंडिया
और
ओरिएंटल
बैंक
ऑफ
कामर्स
का
विलय
पंजाब
नेशनल
बैंक
में
होगा।
जबकि
सिंडिकेट
बैंक
को
केनरा
बैंक
और
इलाहाबाद
बैंक
का
इंडियन
बैंक
मर्ज
किया
जाएगा।
वहीं
आंध्रा
बैंक
और
कॉर्पोरेशन
बैंक
का
यूनियन
बैंक
ऑफ
इंडिया
में
विलय
होगा।