घोषित सरकारी योजनाओं और प्रोत्साहन से MSME सेक्टर में लाभ हुआ हैः निर्मला सीतारमन
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली एमएसएमई सेक्टर के लिए उठाए कदमों पर चर्चा करते हुए बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक इवेंट में कहा कि सरकारी प्रयासों से MSMEs (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) की परिभाषा को बदल गई है, जिससे MSMEs के दायरे का विस्तार हुआ है। इस बदलाव के कारण अधिक MSME सिस्टम में आए हैं और उन्हें सरकार द्वारा दी गई योजनाओं से लाभ हुआ है।
महामारीः बच्चों को दिया जाने वाला टीका बुजुर्गों के आ सकता है काम, ICMR शोध में हुआ खुलासा
वित्त मंत्री सीतारमन टेक उद्यमियों के सबसे बड़े कांफ्रेंस टेक स्पार्क इवेंट को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के प्रभाव से एमएसएमई क्षेत्र तेजी से उभर रहा है और यह भारत को आत्मनिर्भर भारत अथवा एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कोरोना संक्रमण के जोखिम को वाकई कम करता है विटामिन डी, शोधकर्ताओं को मिले और सबूत!
सीतारमण ने आगे कहा कि कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में भारत की ताकत ने उसे दुनिया में मोबाइल फोन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक बना दिया है। वर्तमान में भारत ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक और एयरोस्पेस उद्योगों के लिए कुछ सर्वोत्तम कंपोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग करता है,और अब वैश्विक मूल्य श्रृंखला तक भी उसकी पहुंच है।
गौरतलब है सरकार ने महामारी प्रेरित लॉकडाउन में चौपट हुए एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत प्रोत्साहन पैकेज के तहत मई माह में MSMEs के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पहल की घोषणा की। भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 30 फीसदी का योगदान देने वाला MSME क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने के लिए भी जाना जाता है।
आतंकी फंडिंग मामले में NIA ने पूरे कश्मीर में कई ठिकानों पर की छापेमारी