मूडीज ने दी चेतावनी-भीषण गर्मी भारत के लिए अच्छी नहीं, विकास पर डालेगी असर
नई दिल्ली, 23 मई: भारत में इस साल गर्मी ने एक सदी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लगातार हो रहे इस पर्यावरणीय परिवर्तन का असर लोगों की जीवन और आर्थिक दशा पर भी पड़ने वाला है। मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा कि लंबे समय तक उच्च तापमान भारत के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है और वृद्धि प्रभावित हो सकती है। भारत में लंबे समय तक और अत्यधिक गर्मी के कारण जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ देश की जनता को महंगाई का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक, वैसे तो भारत में गर्मी की लहर काफी आम हैं, लेकिन यह आमतौर पर मई और जून में अधिक होती हैं। हालांकि, इस साल नयी दिल्ली में मई में गर्मी की पांचवीं लहर देखी गई, जिससे अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया। मूडीज ने कहा, लंबे समय तक उच्च तापमान देश के उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्से को प्रभावित करेगा जिससे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। साथ ही यह बिजली की कटौती का कारण भी बन सकता है।
मूडीज ने कहा कि, लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन का खामियाजा सीधे तौर पर जनता भुगतेगी। उच्च तापमान के कारण उच्च मुद्रास्फीति और वृद्धि के जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। भारत सरकार ने अत्यधिक गर्मी के चलते जून, 2022 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष के लिए गेहूं उत्पादन के अपने अनुमान को 5.4 प्रतिशत घटाकर 15 करोड़ टन कर दिया है। कम उत्पादन और वैश्विक स्तर पर गेहूं की अधिक कीमतों को देखते हुए हाल ही में सरकार ने गेंहू के निर्यात पर रोक लगाई है।
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भारत की ओर से ये प्रतिबंध ऐसे समय लगाए गए थे जब दुनिया रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते खाद्य पदार्थों की किल्लत का सामना कर रही है। रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के बाद भारत गेहूं की मांग के वैश्विक अंतर को पूरा करने में सक्षम हो सकता है। इससे शुरुआती दौर में तो भारत को फायदा हो सकता है, लेकिन बाद में आर्थिक वृद्धि को नुकसान भी उठाना होगा। फरवरी के अंत में रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष शुरू होने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।