रेटिंग एजेंसी मूडीज ने दिया भारत को झटका! सॉवरेन रेटिंग्स को घटाया
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने दिया भारत को झटका! सॉवरेन रेटिंग्स को घटाया
मुंबई। दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत के सॉवरेन रेटिंग्स को घटा दिया है। इसके साथ ही आउटलुक को भी 'स्थिर' से 'निगेटिव' कर दिया है। मूडीज का कहना है कि भारत में कोरोन महामारी के बाद भी लंबे समय तक बहुत धीमी ग्रोथ देखने को मिल सकती है। भारत की विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा लंबी अवधि की जारीकर्ता रेटिंग को Baa3 से Baa2 तक सीमित कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि देश के नीति निर्धारण संस्थानों को नीतियों को लागू करने और कार्यान्वित करने में चुनौती दी जाएगी, जो अपेक्षाकृत कम वृद्धि की निरंतर अवधि के जोखिमों को कम कर सकते हैं।
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मूडीज द्वारा जारी किए गए बयान में उसने लिखा 'हमने भारत के लोकल-करंसी-सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग को BAA2 से घटाकर BAA3 कर दिया है। साथी ही छोटी अवधि वाली लोकल-करंसी रेटिंग को यानी अल्पकालिक स्थानीय-मुद्रा की रेटिंग P-2 से P-3 कर दी है।मूडीज के इस बड़े फैसले से आने वाले समय में देश के नीति निर्माता संस्थानों (Policy making Institution) के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। उनके लिए जरूरी होगा कि अपने द्वारा उठाये गये कदम को सही तरह से लागू भी करें।2 सही दिशा में कदम उठाने से ही धीरे-धीरे जोखिम कम होगा। ये नाकारात्मक दृष्टिकोण अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे तनाव से प्रमुख और पारस्परिक रूप से मजबूत जोखिम को दर्शाता है, जो मूडीज की वर्तमान परियोजनाओं की तुलना में राजकोषीय ताकत में अधिक गंभीर और लंबे समय तक क्षरण का कारण बन सकता है। मूडीज ने भी क्रमशः Baa1 और Baa2 से भारत के दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा बॉन्ड और बैंक डिपॉजिट को Baa2 और Baa3 में उतारा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत देश तुलना में धीमी वृद्धि की लंबी अवधि का सामना कर रहा है।
Moody's downgrades India's sovereign rating to 'Baa3' from 'Baa2', maintains negative outlook
— Press Trust of India (@PTI_News) June 1, 2020
भारत की रेटिंग को कम करने का निर्णय मूडीज के विचार को दर्शाता है कि देश के नीति निर्धारण संस्थानों को नीतियों को लागू करने और लागू करने में चुनौती दी जाएगी जो कि अपेक्षाकृत कम वृद्धि की निरंतर अवधि के जोखिमों को प्रभावी ढंग से कम करती हैं। वित्तीय क्षेत्र, "रेटिंग एजेंसी ने एक नकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखते हुए एक रिलीज में कहा कि सामान्य सरकार की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण गिरावट और तनाव में हैं। मूडीज ने कहा कि नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग को Baa2 में अपग्रेड करना इस उम्मीद पर आधारित था कि प्रमुख सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन से आर्थिक, संस्थागत और राजकोषीय ताकत में एक क्रमिक लेकिन लगातार सुधार के माध्यम से संप्रभु के क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत किया जाएगा।रेटिंग एजेंसियों ने कहा, "तब से, इन सुधारों को लागू करना अपेक्षाकृत कमजोर रहा है और भौतिक ऋण सुधारों में कमी नहीं हुई है, जो सीमित नीति प्रभावशीलता को दर्शाता है।"
मूडीज के अनुसार रेटिंग को डाउनग्रेड करने की मुख्य वजह केवल कोविड-19 आउटब्रेक से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को लेकर ही नहीं है। उसने बताया कि 'आज का निर्णय कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में लिया गया है। यह महामारी के असर से प्रभावित नहीं इस महामारी से भारत के क्रेडिट प्रोफाइल की कमजोरियों को बढ़ाएगा। कोविड-19 आउटब्रेक से पहले ही यह था और इस महामारी ने इसका जोखिम और भी बढ़ा दिया है. यही कारण है कि हमने आउटलुक को निगेटिव करने का निर्णय लिया हैमूडीज ने यह भी कहा कि भारत में इस महामारी के बाद भी लंबे समय तक सुस्त ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
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