Retrospective Tax: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, खत्म होगा साल 2012 का ये टैक्स कानून, IT एक्ट में बदलाव
Retrospective Tax: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, IT एक्ट में बदलाव
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने साल 2012 के आयकर कानून रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स एक्ट (Retrospective Tax Act) को खत्म करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने संसद में संशोधन विधेयक पेश किया है। आपको बता दें कि इसी रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स एक्ट के कारण सरकार और वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों का विवाद शुरू हुआ। वोडाफोन ने इसी कानून का सहारा लेकर सरकार के खिलाफ केस दायर किया था। केंद्रीय कैबेनिट ने इस नियम को खत्म करन का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए आयकर कानून में बदलाव को मंजूरी देते हुए संसद में संशोधन विधेयक पेश किया है।
Recommended Video
आईटी एक्ट में बदलाव का फैसला
इस कानून में संसोधन संबंधी विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर कोई भी लेनदेन 28 मई 2012 से पहले हुआ है तो उस पर रेट्रो टैक्स की डिमांड नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इस कानून की वजह से निवेशक निवेश का अच्छा माहौल बनने के बाद भी पीछे हट रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए अहम बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ये कानून निवेश में बाधा पैदा कर रहा है।
सरकार को लगा था जोरदार झटका
आपको बता दें कि बीते कुछ सालों से ब्रिटेन की कंपनी केयर्न और भारत सरकार के बीच इसी कानून के चलते विवाद चल रहा है , जिसके चलते भारत सरकार को भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने फैसला केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद भारत सरकार को 1.7 अरब डॉलर के भुगतान का आदेश दिया गया ।
क्या है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
आपको बता दें कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स वो टैक्स होता है, जिसक तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कंपनियों पर टैक्स लगाती है और विभाग उन कंपनियों से पुरानी डील के भी बकाए की मांग करती है। य टैक्स खासकर उन विदेशी कंपनियों के लिए हैं, जो यहां निवेश करना चाहती है। इस एक्ट को साल 2012 में मंजूरी मिली थी।