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इन 5 सरकारी योजनाओं के जरिए हर साल 4000 छात्रों को पढ़ने विदेश भेजती है सरकार, जानें योजना के बारे में विस्तार से

इन 5 सरकारी योजनाओं के जरिए हर साल 4000 छात्रों को पढ़ने विदेश भेजती है सरकार, जानें योजना के बारे में विस्तार से

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है, जिनकी मदद से देश के हर वर्ग के उन्नति और विका के मार्ग को खोलने की कोशिश की कई है। इसी कोशिश के तहत मोदी सरकार ने युवाओं के लिए कई सरकारी योजनाएं लागू की है। उनमें से कुछ योजनाएं ऐसी है, जिसकी मदद सरकार हर साल चार हजार छात्रों को पढ़ने के लिए विदेश भेजती है। सरकार खासकर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति , अल्पसंख्यकों के लिए यह योजना चलाती है, जिसकी मदद से होनदार छात्रों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा जाता है। सरकार ऐसी 5 योजनाएं चलाती हैं,जिसकी मदद से योग्य छात्रों को पढ़ने के लिए सरकारी खर्चे पर विदेश भेजा जाता है।

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 हर साल 4 हजार छात्रों को विदेश भेजने की सरकारी योजना

हर साल 4 हजार छात्रों को विदेश भेजने की सरकारी योजना

मोदी सरकार अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाती है। इसके लिए सरकार ने ऐसी 5 योजनाएं शुरू की है, जिसकी मदद से होमदार अल्पसंख्यक छात्र पढ़ाई केो लिए विदेश जा सकते हैं। सरकार की इन योजनाओं में राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, पढ़ो परदेस, यूजीसी की छात्रवृत्ति और सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम छात्रवृत्ति शामिल हैं, जिसकी मदद से छात्रों को सरकारी खर्चे पर पढ़ने के लिए विदेश भेजा जाता है। हालांकि इसके लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना होता है।

जानिए क्या है शर्तें

जानिए क्या है शर्तें

सरकार की इन पांच योजनाओं के लिए शर्तें भी अलग-अलग हैं। जैसे मोदी सरकार की राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना का लाभ एससी और घुमंतू जातियों से जुड़े छात्रों को दिया जाता है। केंद्र सरकार की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस छात्रवृति योजना का संचालन किया जाता है। वहीं राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना का लाभ एसटी वर्ग के होनदार छात्रों को दिया जाता है। इस योजना का संचालन जनजातियों मंत्रालय करती है। वहीं पढ़ो परदेस छात्रवृत्ति योजना का संचालन अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से किया जाता है। अबको बता दें कि इस योजना का लाभ हर साल सबसे ज्.यादा अल्पसंख्या छात्र उठाते हैं। वहीं यूजीसी और हंगरी सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे कार्यक्रम की मदद से हर साल 200 छात्रों को विदेश पढ़ने के लिए भेजा जाता है। वहीं सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम के तहत छात्रों का उनकी योग्यता का आधार पर चयन कर उन्हें विदेश पढ़ने के लिए भेजा जाता है।

 कैसे उठा सकते हैं इन योजनाओं का लाभ

कैसे उठा सकते हैं इन योजनाओं का लाभ

अगर आप भी इन योजनाओं का लाभ उठाकर विदेश पढ़ने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए आपको अपना वैध पहचान पत्र, फोटो, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, परीक्षा में हासिल किए गए अंकों की जानकारी, भाषा परीक्षण के अंकों की जानकारी आवेदन पत्र के साथ देने होंगे। वहीं इन योजनाओं का लाभ सिर्फ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिनके परिवार की आमदनी सालाना 8 लाख रुपए से ज्यादा न हो। इन योजनाओं का लाभ परिवार के एक बच्चे को ही मिल सकता है। विदेश जाने वाले छात्रों का विदेश के यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा में पास होना अनिवार्य है।

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English summary
5 study abroad scholarships the Indian government offers to SC, ST & minority students
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