Budget 2020 के बाद मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, इन बैंकों में जमा पैसा अब रहेगा सेफ
Budget 2020 के बाद मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, इन बैंकों में जमा पैसा अब रहेगा सेफ
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपना आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का बजट पेश किया। बजट में मोदी सरकार ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा फैसला किया, तो वहीं LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कही, लेकिन बजट के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। ये फैसला बैंकों से जुड़ा है। बैंकों में आपकी जमा पूंजी तो और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए मोदी सरकार ने को-ऑपरेटिव बैंकों को आरबीआई के अधीन करने का फैसला किया है।
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला
मोदी सरकार ने बजट के 5 दिन बाद दूसरा बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। सरकार ने अब को-ऑपरेटिव बैंकों के रेग्युलेशन की जिम्मेदारी भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को देने का फैसला किया है। हाल के दिनों में बैंकों के घोटाले साम ने आने के बाद सरकार लोगों की जमा पूंजी की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतिंत हैं। सरकार ने इसे लेकर कदम उठाया है। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक संकट (PMC Bank Scam) के सामने आने के बाद सरकार ने को-ऑपरेटिव बैंकों लेकर लेकर ये अहम कदम उठाया।
नहीं डूबेगा बैंक में जमा पैसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बैंक जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक दिया। सरकार के इस ऐलान का मतलब ये है कि अगर कोई भी बैंक दिवालिया होता है तो बैंक जमा में से कम से कम 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित है, जो बैंक आपको देगी। सरकार ने बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट को बढ़ाने के साथ- साथ अब एक और बड़ा फैसला करते हुए को-ऑपरेटिव बैंकों को आरबीआई के रेगुलेशन में डालने का फैसला किया। सरकार के इस फैसले के बाद अब को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई रेग्युलेट करेगा। ये कदम चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा। आपको बता दें कि देशभर में करीब 1540 को-ऑपरेटिव बैंक हैं। अब तक सिर्फ निजी और सरकारी बैंकों का नियंत्रण RBI करता था,लेकिन अब केंद्र सरकार के फैसले के बाद को-ऑपरेटिव बैंकों पर भी आरबीआई का नियंत्रण होगा।
सरकार का अहम फैसला
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब देश के सभी को-ऑपरेटिव बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में काम करेंगे। कैबिनेट के फैसले को रेगुलेट करने के लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में संशोधन होगा। जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएं जाएंगे। इसे चरणबंद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।