मांग बढ़ाने के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर पर विचार कर रही सरकार, बुनियादी ढांचे का भी होगा विकास
नई दिल्ली: लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है। अब अनलॉक-1 के साथ धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर लौटने लगा है। इस बीच सरकार भी अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में जुटी है। मौजूद वक्त में सरकार का पूरा फोकस मांग बढ़ाने के लिए नकद हस्तांतरण करने पर है। इसके साथ ही सरकार नौकरियां बढ़ाने पर भी काम कर रही है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार मांग को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके लिए बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाई जा रही है। दो वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सरकार जरूरतमंदों को सीधे नकद हस्तांतरण करने पर विचार कर रही है। साथ ही सरकार का पूरा फोकस नौकरियां बढ़ाने पर है। वहीं निजी क्षेत्र खर्च के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए केंद्र और सार्वजनिक उपक्रम कैपेक्स को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा विदेश निवेशकों को भी आकर्षित करने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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अधिकारियों के मुताबिक नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर की अंतिम रिपोर्ट अप्रैल के अंत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी गई थी। इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020 से लेकर 2025 तक 111 ट्रिलियन का निवेश बुनियादी ढांचे के लिए होने का अनुमान है। जिसमें से 40 प्रतिशत केंद्र और राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक वित्त मंत्री ने अधिकांश निवेश दो-तीन सालों में होने की उम्मीद जताई है। इससे पहले मोदी कैबिनेट ने इंपावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (EGoS) और प्रोजेक्ट डेवल्पमेंट सेल्स (PDCs) की स्थापना को मंजूरी दी थी। वहीं दूसरे अधिकारी ने बताया कि सरकार नकद हस्तांतरण बढ़ाने पर चर्चा कर रही है। जिसे जून तक आगे बढ़ाया जाएगा।