मोदी सरकार ने मनमोहन के कार्यकाल से की FDI की तुलना, बताया 2014 के बाद से कितनी हुई ग्रोथ
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के चलते एक तरफ जहां भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। वहीं दूसरी ओर कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आमद में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारत सरकार ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2008-14 के मुकाबले 2014-20 के बीच एफडीआई की आमद में 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र ने कहा कि सरकार द्वारा FDI नीति में सुधार, निवेश सुगमता और व्यापार करने में आसानी के मोर्चों पर किए गए उपायों के परिणामस्वरूप देश में एफडीआई अंतर्वाह बढ़ गया है।
2020-21 वित्तवर्ष के पहले 5 महीनों में इतनी हुई ग्रोथ
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार भारत को अप्रैल-अगस्त 2020 के दौरान एक वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों के लिए सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। मंत्रालय के मुताबिक पहले पांच महीनों में भारत में कुल एफडीआई प्रवाह 35.73 बिलियन डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-अगस्त 2020 के दौरान प्राप्त एफडीआई इक्विटी प्रवाह 27.10 बिलियन डॉलर था, जो कि वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों में सबसे अधिक है और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।
एफडीआई आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी
गौरतलब है कि कोरोना वायर महामारी के चलते निवेशकों को महामारी के कारण बढ़ती अनिश्चितताओं की चिंता थी, हलांकि वैश्विक आर्थिक स्थिति नाजुक होने के कारण भारतीय महीनों में विदेशी निवेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त हुआ। बता दें कि एफडीआई आर्थिक विकास के लिए बहुत ही उपयोगी है, इसके अलावा भारत के आर्थिक विकास के लिए गैर-ऋण वित्त का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
यूपीए सरकार से की तुलना
सरकार ने कहा कि हमारा प्रयास रहा है कि देश में निवेश के प्रवाह में बाधा डालने वाली नीतिगत अड़चनों को दूर करके सक्षम और निवेशक-अनुकूल एफडीआई नीति बनाई जाए। इसके अलावा केंद्र ने एनडीएस कार्यकाल और यूपीए कार्यकाल में भी FDI आमद की तुनला की है। केंद्र द्वारा पेश किए गए रिपोर्ट के मुताबिक 2008-14 में 231.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 55 फीसदी बढ़ कर एफडीआई आमद 2014-20 में 358.29 बिलियन डॉलर हो गया है। इसके अलावा FDI इक्विटी प्रवाह 2008-14 के दौरान 160.46 बिलियन डॉलर था जो अब 57 फीसदी बढ़ कर 2014-20 में 252.42 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
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