मोदी सरकार का बड़ा फैसला, बैंकों के बाद इन 3 बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों का होगा विलय! जानिए बीमाधारकों और कर्मचारियों पर क्या होगा असर
नई दिल्ली। मोदी सरकार की कैबिनेट में बड़ा फैसला है। मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक इंश्योरेंस कंपनियों के राहत पैकेज की घोषणा की। वहीं माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने देश की तीन बड़ी सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को विलय का फैसला ले सकती है। बैंकों के मर्जर के फैसले के बाद अब सरकार सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के विलय कर सकती है। सरकार, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का विलय करने पर विचार कर रही है। मोदी कैबिनेट तीन बीमा कंपनियों का विलय पर विचार कर रही है। लाइव मिंट की खबर के मुताबिक जनरल इंश्योरेंश के क्षेत्र में काम करने वाली बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंश कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को मर्ज करने की घोषणा केंद्र सरकार कर सकती है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।
कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को लेकर बड़ा फैसला लिया। सरकार ने दिसंबर में 2019-20 के लिए पहली अनुदान के लिए अनुपूरक मांग में नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में 2,500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, अगले साल इसमें 6,950 करोड़ रुपए और डाले जाएंगे। कैबिनेट ने जनरल इंश्योरेंस की तीन कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में 2,500 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
हो सकता है बीमा कंपनियों का विलय
सरकार सरकार इन बीमा कंपनियों के विलय पर विचार कर रही है। तीनों कंपनियों का विलय किया जाएगा। इस मर्जर के बाद यह देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने इसे लेकर कैबिनेट नोट जारी किया था। हालांकि इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि मदी सरकार ने सरकारी बैंकों के विलय का भी फैसला लिया, ताकि लगातार हो रहे घाटे को कम किया जा सके।
विलय से क्या होगा ग्राहकों पर असर
जानकारों के मुताबिक इस फैसले से ग्राहकों पर कुछ खास असर नहीं होगा। बीमा कंपनियों के विलय से ग्राहकों को खास फर्क नहीं पड़ेगा, उनकी पॉलिसी पर मिलने वाले फायदे वैसे ही बरकरार रहेंगे। वहीं इस विलय से कर्मचारियों पर भी इसका खास असर नहीं होगा। इसकी वजह ये है कि सरकार ने साफ किया हैं कि ब्रांच घटाने की कोई योजना नहीं है। अगर ब्रांच नहीं बंद होंगे तो नौकरी जाने का टेंशन भी नहीं होगा।
क्या होगा फायदा
तीनों बीमा कंपनियों के विलय से बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी होगी। जिसके पास 9,243 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। इस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 44,000 होगी। कंपनी के देशभर में स्थित 6,000 से अधिक कार्यालयों होंगे। इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी के 200 से अधिक इंश्योरेंस प्रोडक्ट होंगे।