29 बीमा कंपनियों और शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी 9 इकाइयों को KYC के लिये सरकार ने आधार की मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मुखौटा कंपनियों में पैसे छुपाने तथा मनी लांड्रिंग पर रोकथाम लगाने को लेकर प्रतिभूति बाजार से संबंधित नौ निकायों तथा 29 बीमा कंपनियों को 'अपने उपभोक्ता को जानें' (केवाईसी) के लिये आधार का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में दो अधिसूचनाएं जारी की है। उन्होंने कहा कि इन दो अधिसूचनाओं से इन निकायों को आधार अधिनियम के तहत आधार से प्रमाणन का इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गयी है।
इस कदम से ये निकाय तत्काल ई-केवाईसी कर सकेंगे तथा इनकी लागत में भी कमी आएगी। पांडेय ने कहा, ''इससे ग्राहकों और निवेशकों को भी फायदा होगा। खासकर छोटे और खुदरा निवेशक इससे लाभान्वित होंगे क्योंकि अब उन्हें केवाईसी के लिये कागजात पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।'' एक अधिकारी ने बताया कि इन निकायों द्वारा आधार प्रमाणन स्वैच्छिक होगा। यदि कोई निवेशक स्थायी खाता संख्या (पैन) प्रदान करता है तो उसे आधार प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी।
Ministry of Finance has allowed 29 insurance companies & 9 stock/securities entities to undertake Aadhaar Authentication services of Unique Identification Authority of India, under Prevention of Money Laundering Act, 2002. pic.twitter.com/syUweNzUo4
— ANI (@ANI) April 25, 2020
प्रतिभूति व शेयर बाजार से संबंधित जिन निकायों को आधार प्रमाणन की मंजूरी दी गयी है, उनमें बीएसई, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड, एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड, एनएसई डेटा एंड एनालिसिस लिमिटेड, सीएएमएस इंवेस्टर्स सर्विसेज लिमिटेड, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। आधार प्रमाणन की मंजूरी पाने वाली 29 बीमा कंपनियों में बजाज एलायंज लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस आदि शामिल हैं।
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