27 साल की CEO का कमाल, चार साल में जुटाई 1605 करोड़ रु की फंडिंग, पहुंची यूनिकॉर्न स्टेटस लेने के करीब
नई दिल्ली। साउथ ईस्ट एशिया के फैशन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म जीलिंगो जल्द ही एक नया मुकाम छूने वाला है। सिर्फ चार साल में यह स्टार्टअप 'यूनिकॉर्न' स्टेटस पाने के बेहद करीब है। कंपनी की इस कामयाबी के पीछे हाथ है 27 साल की अंकिति बोस का। जो इसकी को-फाउंडर होने के साथ-साथ सीईओ भी हैं। बता दें कि अंकिता पहली ऐसी भारतीय महिला सीईओ बन गई हैं जिनकी कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिला है। आपको बता दें कि यूनिकॉर्न एक टर्म है जिसे उन स्टार्टअप्स को दिया जाता है जिनकी वैल्यू एक अरब डॉलर के करीब हो जाती है। अंकिति के स्टार्टअप की वैल्यू अभी 970 मिलियन डॉलर पहुंच चुकी है।
अंकिति बोस के ऑनलाइन फैशन स्टार्ट-अप जिलिंगो ने दो निवेशकों से 1604.6 करोड़ रुपए (22.6 करोड़ डॉलर) की फंडिंग जुटाई है। कंपनी ने मंगलवार यह जानकारी दी। इस फंडिंग के बाद जिलिंगो की वैल्यू 6,887 करोड़ रुपए (97 करोड़ डॉलर) हो गई है। जिलिंगो दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे कारोबारियों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाती है। इसका हेडक्वार्टर सिंगापुर में है। आपको बता दें कि अंकिति ने 2012 में मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।
अर्थशास्त्र और गणित उनके सब्जेक्ट थे। अंकिति ने बताया कि एकबार छुट्टियों में वह बैंकॉक गई थीं और वहां के लोगों में फैशन के प्रति प्यार देखा। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खोला जाए। इसके बाद यह थाइलैंड, इंडोनेशिया और फिलिपींस में भी मशहूर हो गया।