भारत का सबसे बड़ा निवेशक है मॉरीशस: RBI रिपोर्ट में खुलासा
मुंबई। रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का सबसे बड़ा स्रोत देश मॉरीशस है, जबकि इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन का नंबर है। ये खबर चौंकाने वाली इसलिए है क्योंकि मॉरीशस को टैक्स चोरी का सबसे बड़ा गढ़ कहा जाता है। टैक्स हैवन मॉरीशस को हवाला के जरिए भारत के ब्लैक मनी को व्हाइट करने का रूट भी माना जाता है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में हुए कुल विदेशी निवेश का 21.8 प्रतिशत हिस्सा मॉरीशस का है., जबकि सिंगापुर और जापान का नंबर चौथा और पांचवा है।
क्या होता है प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट / एफडीआई) कहलाता है। ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है।
एफडीआई का दर्जा
आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को एफडीआई का दर्जा दिलाने के लिए किसी कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है। इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल होता है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
- ग्रीन फील्ड निवेश - इसके तहत दूसरे देश में एक नई कंपनी खोली जाती है।
- पोर्टफोलियो निवेश - इसके तहत किसी विदेशी कंपनी के शेयर खरीद लिए जाते हैं या उसके स्वामित्व वाले विदेशी कंपनी का अधिग्रहण कर लिया जाता है।
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