लॉकडाउन इम्पैक्ट:दुनिया की आर्थिक विकास की संभावनाएं हुईं कम, उबरने में लग सकती है देरी!
बेंगलुरू। कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन के चलते वर्ष विकसित दुनिया के लिए आर्थिक विकास की संभावनाएं पिछले महीने में फिर से गहरा गई हैं, क्योंकि महामारी एशिया से अमेरिका तक फैल गई है। हालांकि एक पोल सर्वे में शामिल कुल अर्थाशास्त्रियों में से 20 फीसदी से भी कम को V आकार की तेज रिकवरी की उम्मीद है।
गौरतलब है कई देशों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन प्रतिबंध को कम करना शुरू कर दिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर 55 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो गए हैं। इक्विटी बाजार स्वास्थ्य और समृद्धि में तेजी से वापसी के लिए आशाओं पर सवार हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा गर्त और गहराएगा।
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अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में पलटाव में कुछ समय पूर्व की भविष्यवाणी तुलना में अधिक समय लगेगा, है, क्योंकि दुनिया भर में महामारी चरणों में फैल रही है और अलग-अलग देशों में अलग समय पर पहुंची है। पिछले कुछ हफ्तों में कराए गए इस पोल में 250 से अधिक अर्थशास्त्रियों ने हिस्सा लिया। पोल से पता चला है कि अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में पूर्व की भविष्यवाणियो से इतर इस वर्ष मंदी अधिक गहरी होगी।
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बोफा में वैश्विक अर्थशास्त्र अनुसंधान के प्रमुखएथन हैरिस ने कहा कि कई मायनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आउटलुक एक बाधा जैसा दिखता है। पहले कदम में अर्थव्यवस्था एक बड़े छेद में गिरती है, इसकी शुरूआत चीन की पहली तिमाही में होती, जबकि शेष दुनिया के अधिकांश देशों में यह दूसरी तिमाही में शुरू होती है और कुछ उभरते बाजारों में यह तीसरी तिमाही में शुरू होगी।
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दूसरे कदम में रोग पर रोकथाम के साथ अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की कोशिश है। तीसरा कदम पिछड़े हुए प्रभावों पर भरोस के साथ टिकाऊ वस्तुओं के खर्च, राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन से समय से पहले होने वाले जोखिम और कोन में इंतजार कर रहे एक व्यापार और तकनीकी युद्ध से निपटने का है।
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लगभग तीन-चौथाई अर्थशास्त्री यानी 94 में से 69 अर्थशास्त्रियों ने एक अतिरिक्त प्रश्न का उत्तर में कहा कि लंबे समय तक गर्त के साथ रिकवरी या तो यू-आकार की होगी, अथवा टिक मार्क की तरह होगी, जहां रिकवरी की गति बूंद के गिरने जितनी तेज नहीं होगी।
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पोल में हिस्सा लेने वाले केवल 15 उत्तरदाताओं ने एक मजबूत वी-आकार रिकवरी की भविष्यवाणी की है, जबकि दूसरों ने कहा कि यह डब्ल्यू-आकार का होगा, जहां एक जोरदार प्रतिक्षेप एक और तेज मंदी होगी या एल-आकार की रिकवरी होगी, जहां मंदी के बाद अर्थव्यवस्था सपाट हो जाती है।
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हालांकि इस साल विश्व अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान किया गया है, जबकि गत 23 अप्रैल को होने वाले पोल में संकुचन का अनुमान 2.0 फीसदी था और गत 3 अप्रैल के पोल 1.2 फीसदी पूर्वानुमान था। पोल में शामिल किसी भी अर्थशास्त्री ने 2020 में अपेक्षित विकास का पूर्वानुमान -0.3 फीसदी से -6.7 फीसदी की रेंज के साथ किया।
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सबसे खराब आउटलुक -6.0 फीसदी था, जिसकी रेंज -3.0 फीसदी से -15.0 फीसदी थी। हालांकि वैश्विक आर्थिक विकास का पूर्वानुमान महामारी से पहले 2.3 फीसदी से 3.6 फीसदी तक था। नवीनतम पोल के अनुसार अगले वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के 5.4 फीसदी बढ़ने की उम्मीद थी, जो कि पिछले महीने 4.5 फीसदी की तुलना में तेज थी।
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उल्लेखनीय है अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के पूर्वानुमानों को पिछले पोल की तुलना में इस साल कम कर दिया गया था और 2021 के विकास की उम्मीदों में मामूली गिरावट कर दी गई थी, क्योंकि सरकारों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को अलग-अलग डिग्री तक बंद कर दिया था और यह पूर्वानुमान अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर मौद्रिक नीति को आसान बनाने और कई प्रमुख देशों द्वारा अभूतपूर्व राजकोषीय प्रोत्साहन के बावजूद था।
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