लॉकडाउन की वजह से रोजाना 40 हजार करोड़ का नुकसान, 4 करोड़ नौकरियों पर संकट, इंडस्ट्री को राहत पैकेज का इंतजार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण की रफ्कार को रोकने के लिए लॉकडाउन की सीमा को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया है। लॉकडाउन बढ़ाने के पीएम मोदी के फैसले का विपक्ष से लेकर इंडस्ट्री बॉडी ने बी समर्थन किया है, लेकिन इस लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर भी चिंता जताई है। उद्योग जगत को केंद्र सरकार की ओर से राहत पैकेज का इंतजार है। बिजनेस जगत के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के इस फैसले के कारण जिस तरह से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है, उसे पटरी पर लाने के लिए बड़े राहत पैकेज की सख्त जरूरत है। लॉकडाउन के कारण इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
अर्थव्यवस्था को 8 लाख करोड़ का नुकसान
लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को रोज 40 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने इस नुकसान का अनुमान लगाते हुए कहा कि पिछले 21 दिनों के लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था को रोजाना 40,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले लॉकडाउन में भारत को करीब 8 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है। वहीं उन्होंने आंकलन करते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से दफ्तर, फैक्ट्री, कारखाने, बाजार, मॉल्स, स्कूल-कॉलेज सब बंद हैं। ऐसे में लोगों की नौकरियों पर भी संकट मंडरा रहा है। अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच करीब 4 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा सकता है।
राहत पैकेज की उम्मीद
CII
के
निदेशक
चंद्रजीत
बनर्जी
ने
कहा
कि
अर्थव्यवस्था
को
लॉकडाउन
की
वजह
से
हुए
नुकसान
के
कारण
सरकार
को
जल्द
ही
राहत
पैकेज
का
ऐलान
किया
जाना
चाहिए।
वहीं
आईटी
इंडस्ट्री
ने
लॉकडाउन
बढ़ाने
का
समर्थन
किया
और
कहा
कि
इंडस्ट्री
को
पटरी
पर
लाने
के
लिए
बड़े
राहत
पैकेज
की
जरूरत
है।
वहीं
हिंदुस्तान
पावर
के
चेयरमैन
रतुल
पुरी
के
अनुसार
लॉकडाउन
से
ही
इस
बीमारी
को
रोका
जा
सकता
है,
लेकिन
इकोनॉमी
को
बचाना
चुनौतीपूर्ण
होगा।
पिछले लॉकडाउन में मिला था 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज
आपको बता दें कि सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की थी। लॉकडाउन के पहले फेज में गरीबी, मजदूरों, विधवाओं, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए सरकार ने 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया था। वहीं हेल्थ केयर सेक्टर में काम करने वालों के लिए बीमा योजना की घोषणा की। वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी लोगों को लोन की ईएमआई में राहत दी।