लॉकडाउन बढ़ने के साथ 6 महीने बढ़ सकती है आपके EMI की छूट!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की समयसीमा को बढ़ाकर 3 मई तक कर दी है। लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही लोगों को अपनी जीविका भी की चिंता सताने लगी। कोरोना वायरस के कारण ऑफिस, स्कूल, कॉलेज,मॉल्स, बाजार, रेलवे, विमान, सड़क परिवहन सब बंद है , ऐसे में लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
लोन लेकर घर खरीदने वाले लोगों को चिंता सताने लगी कि वो अपने लोन की EMI कैसे चुकाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से किसी भी लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत दी गई और 3 महीने की ईएमआई बाद में चुकाने का विकल्प दिया गया। अब जब कि लॉकडाउन को बढ़ाया गया है तो इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि ईएमआई में राहत की मियाद भी 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने की जा सकती है।
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6 महीने ईएमआई में छूट
लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर असर भी गहराता जा रहा है। सबसे ज्यादा असर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर्स पर पड़ रहा है। लोगों की नौकरियों और सैलरी पर संकट गहराने लगा है। सैलरी और नौकरी प्रभावित होने से लोन की ईएमआई भरने वालों की समस्याएं बढ़ सकती है। ऐसे में लोन डिफॉल्ट की संभावना बढ़ सकती है। न केवल कॉरपोरेट सेक्टर बल्कि रिटेल सेगमेंटपर भी डिफॉल्टर का खतरा बढ़ सकता है। बैंक पहले ही इस चिंता को RBI के सामने रख चुके हैं। बैकों की ओर से कहा गया है कि कॉरपोरेट्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यममें लोन डिफॉल्ट्स की संभावन ज्यादा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ईएमआई में छूट की सीमा बढ़ सकती है।
लॉकडाउन की वजह से बढ़ी डिफॉल्ट की संभावना
दरअसल लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही संगठित क्षेत्रों, सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में दबाव बढ़ गया है। ऐसे में बैंकों को रिटेल सेगमेंट्स में डिफॉल्ट बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में होम लोन के डिफॉल्ट्स बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, लोन, प्रॉपर्टी और व्हीकल लोन की वजह से खतरा बढ़ गया है। इसी खतरे को कम करने के लिए RBI ने पहले ग्राहकों को तीन महीने का मोरेटोरियम की राहत दी। लोगों को मार्च से मई तक के ईएमआई में रिपेमेंट्स की सुविधा दी।
RBI पर टिकी निगाहें
चूंकि लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है तो लॉकडाउन के बढ़ने से डिफॉल्ट्स की संख्या अधिक बढ़ने की संभावना को देकते हुए RBI लोन की EMI में 6 महीने की राहत दे सकता है। माना जा रहा है कि 3 महीने की मोरेटोरियम को आगे बढ़ाया जा सकता है। आपको बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2020 तक रिटेल पर्सनल लोन, जिसमें होम लोन, ऑटो, एजुकेशन लोन, एफडी पर एडवांस लोन ऐदि शामिल है इसमें कुल बकाया 24.97 लाख करोड़ रुपए था।