Exclusive: लॉकडाउन में छंटनी नहीं रिसोर्स के ऑप्टमाइजेशन की जरूरत: हिमानी मिश्रा
Oneindia Exclusive: पूरा विश्व इस वक्त कोरोना संकट से लड़ रहा है, भारत की भी कोविड 19 से लगातार जंग जारी है, ताजा अपडेट की बात करे तो देश में बीते 24 घंटों के भीतर कोरोना के 1684 नए मामले सामने आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के मुताबिक अब भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 23,077 हो गई है। इसमें 17610 सक्रिय मामले हैं, और कुल 718 मौतें हुई हैं, देश में 3 मई तक लॉकडाउन हैं।
'कर्मचारी अपनी नौकरी को लेकर भयभीत हैं'
लेकिन लॉकडाउन का खराब असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है, इससे पूरे देश में बिजनेस गतिविधियां थम गई हैं, जिससे अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसकी वजह से लोगों को अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है, विश्व की कुछ बड़ी कंपनियों की ओर से कुछ कठिन फैसले लेने की वजह से भारत के लोगों के अंदर भी डर बैठ गया है, खासकर के स्टार्टअप कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अपनी नौकरी को लेकर भयभीत हैं, ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में नुकसान से बचने के लिए छंटनी ही एक मात्र उपाय है, इस बारे में वनइंडिया ने ब्रांड रेडिएटर कंपनी की सीईओ हिमानी मिश्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिन्होंने इस बारे में बेहद ही खास बात कही।
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'छंटनी नहीं रिसोर्स के ऑप्टमाइजेशन की जरूरत'
देश की 50 Fabulous Innovative Leaders में से एक हिमानी मिश्रा ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि लॉकडाउन की वजह से चीजें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं और आने वाले वक्त में इसका असर भी दिखाई पड़ने वाला है लेकिन ये वक्त परेशान होने का नहीं बल्कि सकारात्मक रहते हुए स्थिति से सामना करने का है। आज स्टार्टअप कंपनी के सामने सबसे बड़ी समस्या फंड की है तो इस बारे में ये कहना चाहूंगी कि सभी को 'इष्टतमीकरण' जिसे कि अंग्रेजी में optimization कहते हैं, की जरूरत हैं, ना कि कटौती की।
'जो साधन हैं उनका उचित प्रयोग करें'
जिसका मतलब ये है कि हमारे पास जो साधन हैं उनका उचित प्रयोग करके ज्यादा आउटपुट देना, उदाहरण के तौर पर इस वक्त मेरी कंपनी के सारे लोग वर्क फॉर होम कर रहे हैं, मैं खुद अपनी कंपनी की को-फाउंडर हूं, हम अपने स्टाफ को लंच प्रोवाइड कराते हैं, ऐसे में इस वक्त ऑफिस बंद होने की वजह से वो हिस्सा सेव हो रहा है, हमारी कंपनी का बिजली का खर्च भी कम हो गया है।
तीन दिन घर से और तीन दिन ऑफिस से काम
तो ऐसे में कंपनी आने वाले वक्त में तीन दिन घर से और तीन दिन ऑफिस से काम करने का मौका अपने कर्मचारियों को दे सकती है, नुकसान से उबरने के लिए लोगों को कंपनी से हटाना मेरे हिसाब से बिल्कुल भी सही कदम नहीं है लेकिन हां कंपनी को मैन पॉवर मैपिंग करनी पड़ेगी और अपने आउटपुट को बढ़ाना होगा, जैसे कि इस वक्त घर से काम करने की वजह से ट्रैवलिंग टाइम कम हुआ तो वो टाइम हम प्रोडक्टविटी में लगाएं और हम कर्मचारियों की परफार्म बेसिस पर काम करें।
'लग्जरी' नहीं 'नीड' पर करें फोकस
मेरा मानना है कि स्टार्टअप को कभी भी फंड के बारे में सोचकर काम नहीं करना चाहिए, दो चीज होती है, एक 'नीड' और एक 'लग्जरी', तो मेरे हिसाब से कंपनियों को पहले 'नीड' पर ध्यान देना चाहिए, स्थिति विकट तो है लेकिन मेरा मानना है इसमें सरकार को आगे आकर देश के करियर ग्रोथ पर ध्यान देना चाहिए, उन्हें कुछ अलाउंस की ओर भी सोचना चाहिए ताकि कंपनियों पर एकदम से बोझा ना पड़े, जहां तक मेरी बात है तो मैं कर्मचारियों को बाहर निकालने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं लेकिन अगर ये संकट आगे बढ़ता है तो एक प्लान के तहत आगे बढ़ना होगा, जैसे कि एक फिक्स पैकेज के ऊपर के कर्मचारियों के एक्सट्रा अमाउंट को रिजर्व करके और उसे एरियर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है , मुझे लगता है कि बाकी कंपनियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
खास बात
एक सशक्त उद्यमी के तौर पर जानी जाने वाली महिला उद्यमी हिमानी मिश्रा, ने अपने कुशल नेतृत्व में बिहार और बाहर के राज्यों की बहुत सारी नामी कम्पनियों का डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग का काम संभाला है। अपने संस्थापना के महज 20 महीनों में 'ब्रांड रेडियेटर' ने सफलता का मुकाम हासिल किया है और 35 लोगों को नौकरी दी, बता दें कि अभी तक बिहार के 9 लोग, जो बिहार के बाहर की कंपनियों में काम कर रहे थे, उन्हें बिहार में ब्रांड रेडियेटर ने नौकरी दे कर वापस आपने घर के पास काम करने का मौका प्रदान किया है।
ब्रांड रेडियेटर' का उद्देश्य
•हम
एक
बड़ी
तस्वीर
के
साथ
परिप्रेक्ष्य
बदलते
हैं
•भविष्य
के
लिए
तैयार
समाधान
और
सेवाएं
•मापने
योग्य
और
कार्रवाई
परिवर्तनीय
विश्लेषिकी
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