Lockdown फेज-2 में चुनिंदा सेक्टर्स को मिल सकती है छूट,उद्योग मंत्रालय ने दिया सुझाव
नई दिल्ली। लॉकडाउन की समयसीमा कल यानी 14 अप्रैल को समाप्त होने वाली है, लेकिन जिस रफ्तार से देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है, उससे उम्मीद की जा रही है कि सरकार लॉकडाउन को बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की सिफारिश की। कई राज्यों ने केंद्र सरकार के फैसले से पहले ही अपने-अपने प्रदेशों में लॉकडाउन की समयसीमा को बढ़ा दी। वहीं अब सब की निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी है।
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सरकार को भेजे गए सुझाव
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने लॉकडाउन के फेज 2 को लेकर गृह मंत्रालय को अपने सुझाव दिए हैं। अपने सुझाव में कुछ सेक्टर्स को राहत देने और वहां कामकाज जारी रखने की सिफारिश की है। उद्योग विभाग ने भारी इलेक्ट्रिकल्स और दूरसंचार उपकरण जैसे सेक्टर को सीमित स्तर पर काम करने की इजाजत दी जाए। उद्योग विभाग की ओर से गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को पत्र के जरिए सुझाव दिया गया है, जिसमें आर्थिक स्थिति में सुधार और लोगों की नकदी की जरूरत को आवश्यक बताते हुए इसे जरूरी गतिविधि बताया गया है। पत्र में केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है कि वो सुरक्षात्मक उपायों के साथ कुछ सेक्टर्स को काम करने की इजाजत दें, ताकि देश की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ लोगों के हाथों में नकदी पहुंच सके। हालांकि गृह मंत्रालय ने अभी डीपीआईआईटी के इस पत्र का अभी जवाब नहीं दिया गया है।
किन उद्योगों को खोलने की सिफारिश
उद्योग
विभाग
ने
ऑप्टिक
फाइबर
केबल,
कम्प्रेसर
एंड
कंडेनसर
इकाइयां,
स्टील
एंड
फेरस
एलॉय
मिल,
पावरलूम,
लुग्दी
और
पेपर
यूनिट,
उर्वरक,
पेंट,
प्लास्टिक,
वाहन
इकाइयां,
रत्न
एवं
आभूषण
और
सेज
एवं
निर्यात
उन्मुख
इकाइयों
को
खोलने
की
इजाजत
देनवे
की
अपील
की
है।
माना
जा
रहा
है
कि
सरकार
कंपनियों
और
फैक्ट्रियों
में
काम
शुरू
करने
की
अनुमति
दे
सकती
है।
यहां
उन्हें
टाउनशिप
जोन
में
बांटा
जा
ससता
है,
जहां
मजदूर
को
उसी
तरीके
से
रहने
की
व्यवस्था
की
जाएगी,
जैसे
भेल
या
दूसरी
कंपनियों
में
की
जाती
है।
इन बातों का रखा जाए ध्यान
वहीं विभाग ने सुझाव दिया है कि जिन उद्योगों को कामकाज की अनुमति मिलती है, वहां कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा। जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेंशन, मजदूरों की निश्चित संख्या की शर्तें माननी होगी। वहीं एक ही जगह से कर्मचारियों का प्रवेश, सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिये पर्याप्त जगह के अलावा कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिये अलग-अलग परिवहन के साथ ही उचित व्यवस्था, फैक्ट्री या कारखाने में मजदूरों को रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। इनकी जिम्मेदारी जिला प्राधिकरणों की होगी, जो ये सुनिश्चित करें कि वहां इन शर्तों का पूरी तरह से पालन किया गया है या नहीं।