LIC ने प्रोविजनिंग 30% बढ़ाकर 24,000 करोड़ रुपए किया, कुल NPA 25,000 करोड़
नई दिल्ली। अनिल अंबानी की कंपनियों और DHFL को कर्ज देने का असर देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी पर दिखने लगा। जीवन बीमा निगम ने वित्यी वर्ष 2019-20 में एसेट्स के लिए प्रोविजनिंग 30 प्रतिशत बढ़ाकर 23,760 करोड़ रुपए कर दी है। अपने वार्षिक रिपोर्ट में एलआईसी ने ये जानकारी दी। कंपनी ने एसेट क्वॉलिटी रिव्यू करने और रियल एस्टेट, लोन और दूसरे एसेट्स में निवेश के प्रदर्शन की समीक्षा करने के बाद प्रोविज निंग में 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी।
एलआईसी ने वित्त वर्ष 2019 के लिए पहले 18,195 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग रखी थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में उसके ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स 6.15 प्रतिशत पर आ गए थे। इसका नेट एनपीए वित्त वर्ष 2018 के 1.82 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2019 में 0.27% पर आ गया था।
अगर एनपीए की बात करें तो 31 मार्च 2019 तक एलआईसी का एनपीए 24,777 करोड़ रुपए था। तब कंपनी ने 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। जिसमें दिक्कत वाले एसेट्स का आंकड़ा 16,690 करोड़ रुपए था, जबकि लॉस एसेट्स का 6,772 करोड़ रुपए का था । वहीं सब-स्टैंडर्ड एसेट्स 1312 करोड़ था। रिस्ट्रक्चरिंग के लिए टोटल लोन एसेट्स जीरो से बढ़कर 401 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। ऐसा कुछ बड़ी पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स में एलआईसी के एक्सपोजर के कारण हुआ।
आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक लगातार सात वर्षों तक बढ़ने के बाद वित्त वर्ष 2019 में ओवरऑल बैंकिंग सिस्टम में एनपीए बढ़कर 9.3% हो गया।वित्त वर्ष 2019 में एलआईसी का वैल्यूएशन सरप्लस 10 प्रतिशत बढ़कर 53,214.41 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। गौरतलब है कि पॉलिसी की संख्या के हिसाब से LIC मार्केट शेयर 76.28% था और फर्स्ट ईयर प्रीमियम के हिसाब से 71% था। इसने वित्त वर्ष 2019 में 2,610.74 करोड़ रुपये का डिविडेंड सरकार को दिया।