सरकार बेचेगी LIC की हिस्सेदारी, अगर आपके पास भी है LIC पॉलिसी तो जानें-पॉलिसी धारकों को फायदा या नुकसान?
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट में ऐलान किया कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम(LIC) में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी, जिसके बाद से लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचे जाने के फैसले के बाद पॉलिसीधारकों पर क्या असर पड़ेगा। जिन लोगों ने LIC की पॉलिसी ले रखी है उनपर सरकार के इस फैसले का क्या असर होगा।
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LIC में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
बजट में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी। ऐसे में जिस LIC को लेकर सबसे सुरक्षि निवेश का जरिया समझते हैं और यहां अपनी बचत को निवेश करते हैं सरकार के इस फैसले से घबराए हुए हैं। बजट के बाद सबसे ज्यादा चर्चा सरकार के इसी एक फैसले को लेकर हो रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक सरकार के इस फैसले से पॉलिसीधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मतलब अगर आपने LIC की पॉलिसी ले ऱकी है तो आपको सरकार के इस फैसले के आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। वहीं अगर आप LIC के IPO में निवेश करना चाहते हैं तो ये भी एक बेहतर विकल्प होगा।
पॉलिसीधारकों के लिए खास बात
सरकार के फैसले से न तो पॉलिसी की मैच्युरिटी की रकम पर असर पड़ेगा न ही निवेश की सुरक्षा पर कोई असर पड़ेगा। आपको बता दें कि एलआईसी अभी तक पूरी तरह से सरकारी कंपनी है और सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। बजट ऐलान के बाद सरकार अपनी सौ फीसदी हिस्सेदारी में से कुछ हिस्सा शेयर बाजार में IPO मे लगाएगी। आपको बता दें सरकार LIC की आईपीओ के जरिए 72000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में एलआईसी का कुल निवेश 28.74 लाख करोड़ रुपए था। वहीं LIC की कुल संपत्ति बढ़कर 31.11 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
LIC कर्मचारियों की हड़ताल
बजट में वितत् मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान से नाराज एलआईसी कर्मचारी 4 फरवरी को हड़ताल करने वाले हैं। LIC के कर्मचारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ऐलान के खिलाफ 4 फरवरी को एक घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है। कर्मचारियों ने एलआईसी में सरकार की एक हिस्सेदारी बेचने के ऐलान पर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि LIC के आंशिक विनिवेश के प्रस्ताव राष्ट्रहित के खिलाफ है।