New Labour Code: हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी, जानिए चार लेबर कोड में आपके लिए क्या खास?
New Labour Code: हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी, लेबर कोड में आपके लिए क्या खास?
नई दिल्ली। सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए नया लेबर कोड ला सकती है। माना जा रहा है कि 1 जुलाई से सरकार देश में नया लेबर कोड लागू कर सकती है। दरअसल लंबे वक्त न्यू लेबर कोड का मामला रुका हुआ है। अगर नया लेबर कोड लागू हो गया तो आपकी सैलरी, वर्किंग ऑवर, पीएफ, एनुअल लीव, पेड लीव आदि सब बदल जाएगा। हालांकि इसे लेकर अभी आधिकारिक तौर पर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा जोरों पर है कि श्रम मंत्रालय इसे अगले महीने यानी जुलाई से लागू कर सकती है। ऐसे में आपके लिए इल लेबर कोड के बारे में समझना बहुत जरूरी है।
4 लेबर कोड में आपके लिए क्या है
सरकार द्वारा प्रस्ताविक लेबर कोड में कर्मचारी और नियुक्ता दोनों पर असर डालेंगे। आपके काम के घंटे से लेकर पीएफ भागीदारी, बेसिक सैलरी जैसी कई जरूरी चीजें बदल जाएंगी। श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को 4 लेबर कोड में समाहित करने की बात कही है। इन 4 लेबर कोड से नौकरीपेशा, कामगारों के लिए बेहतर नियमों-अधिनियमों की शुरुआत होगी। आपकी सैलरी से लेकर आपकी सोशल सिक्योरिटी में सुधार होगा। आइए एक नडर डालें इन बदलावों पर
4 दिन काम, 3 दिन आराम
रिपोर्ट्स के मुताबिक नया लेबर कोड लागू होने के बाद हफ्ते में वर्किंग डे को घटाकर 4 दिन किया जा सकता है, तो वहीं 3 वीकऑफ होंगे। यहां जानना जरूरी है कि 3 दिन वीकऑफ लेने के लिए आपको वर्किंग डे के दौरान 12 घंटे काम करने होंगे। 12 घंटे के लंबे वर्किंग ऑवर के आसपे हेल्थ पर असर पड़ सकता है।
बदल जाएगा छुट्टियों का नियम
नए लेबर कोड के लागू होने छुट्टियों के नियम भी बदल जाएंगे। पहले कर्मचारियों को छुट्टी के लिए 240 दिन काम करना जरूरी था, लेकिन नए लोबर कोड के मुताबिक इसे घटाकर 180 दिन कर दिया गया है। 180 दिन के बाद आप छुट्टी लेने के लिए योग्य होंगे। वहीं आप अपनी बची हुई छुट्टियों को साल के अंत में कैश करवा सकते हैं। नए नियम के मुताबिक नियोक्ताओं को हाल के अंत में कर्मचारियों की बची छुट्टियों को कैश करना अनिवार्य होगा। छुट्टियों के अलावा नए लेबर कोड में वर्क फ्रॉम होम पर भी विचार किया गया है
सैलरी में होगा बदलाव
नए
लेबर
कोड
लागू
होने
के
बाद
आपकी
सैलरी
में
बेसिक
सैलरी
का
हिस्सा
50
फीसदी
तक
हो
जाएगा।
बाकी
बचे
50
फीसदी
में
बाकी
अलाउंट
होंगे।
हालांकि
इस
नियम
से
आपकी
टेक
होम
सैलरी
कम
हो
जाएगी,
क्योकिं
तमाम
डिडक्शन
मूल
वेतन
पर
होते
हैं,
जबकि
बेसिक
सैलरी
में
बढ़ोतरी
होगी
तो
आपकी
PF
कंट्रीब्यूशन
बढ़
जाएगा।
ऐसा
इसलिए
क्योंकि
पीएख
योगदान
बेसिक
सैलरी
पर
आधारित
होता
है
और
बेसिक
सैलरी
बढ़ने
से
योगदान
बढ़ेगा।
पीएफ
के
अलावा
ग्रेजुएटी
में
भी
बढ़ोतरी
होगी।
फुल एंड फाइनल सेटलमेंट
नौकरी छोड़ने या निकाले जाने की स्थिति में कर्मचारिय़ों का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट 2 दिन के भीतर करना होगा। वर्तमान नियम के मुताबिक कर्मचारियों को वर्तमान में इसके लिए 45 दिन का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन नए नियम के मुताबिक नियोक्ता तो दो दिनों में इसे करके देना होगा। वहीं सैलरी पेमेंट का दिन भी फिक्स्ड रखना होगा। अगर आपकी सैलरी 1 तारीख को आती है तो इसे तय रखना होगा। ऐसा नहीं होने पर इसे लेबर कोड का उल्लधंन माना जाएगा।