1750 करोड़ रुपये का IPO लाएगी कल्याण ज्वैलर्स, सेबी को जमा किए दस्तावेज
नई दिल्ली। केरल स्थित भारत की अग्रणी ज्वैलरी कंपनी कल्याण ज्वैलर्स ने अपने आईपीओ प्लान को ठंडे बस्ते से निकाल दिया है। कंपनी की आईपीओ के जरिए 1750 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसके लिए कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्पेक्टेस (डीआरएचपी) फाइल किया है। आईपीओ से जारी राशि का उपयोग कंपनी कारोबार का विस्तार देने में करेगी।
सेबी को सौंपे गए डीआरएचपी के मुताबिक कंपनी 1000 रुपये मूल्य का नये शेयर जारी करेगी जबकि 750 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री के लिए रखे जाएंगे। शेयर की बिक्री का ऑफर कंपनी के प्रवर्तक टी एस कल्याणरमन और वारबर्ग पिनकस की ओर से होगा। टीएस कल्याणरमन कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करते हुए अपने 250 करोड़ के शेयर बेचेंगे जबकि वारबर्ग पिनकस 500 करोड़ के शेयर बेचेगी। कंपनी फ्रेश इश्यू का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और कॉरपोरेट विस्तार में करेगी।
प्रमोटर्स
की
76
फीसदी
हिस्सेदारी
कंपनी
में
प्रमोटर
की
हिस्सेदारी
76
प्रतिशत
है
जबकि
वारबर्ग
पिनकस
के
पास
24
प्रतिशत
शेयर
हैं।
वारबर्ग
पिनकस
ने
2014
में
कल्याण
ज्वैलर्स
में
1200
करोड़
रुपये
का
निवेश
किया
था
जबकि
2017
में
कंपनी
ने
500
करोड़
का
निवेश
फिर
से
किया
था।
मार्च
2020
की
तिमाही
में
कंपनी
का
रेवेन्यू
10101
करोड़
रुपये
का
था
जो
एक
साल
में
3.3
प्रतिशत
तक
बढ़ा
है
जबकि
कंपनी
ने
इसी
साल
145
करोड़
का
मुनाफा
कमाया
था
जो
कि
पिछले
वर्ष
की
तुलना
में
4.87
तुलना
बढ़ा
है।
जून
2021
तक
कंपनी
के
पास
137
शोरूम
थे।
इनमें
देशभर
के
21
राज्यों
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
में
107
शोरूम
हैं
जबकि
मध्य
पूर्व
में
कंपनी
के
पास
30
शोरूम
हैं।
इसके
अलावा
कंपनी
ऑनलाइन
प्लेटफॉर्म
के
माध्यम
से
भी
ज्वैलरी
बेचती
है।
कंपनी
का
पहला
शोरूम
1993
में
केरल
में
खोला
गया
था।
सोने
में
जमकर
निवेश
कोरोना
के
चलते
सोने
में
जमकर
निवेश
किया
जा
रहा
है।
सोने
की
कीमतों
में
उछाल
की
वजह
से
इससे
जुड़े
शेयर
बाजार
ने
निवेशकों
को
अपनी
ओर
आकर्षित
किया
है।
देश
के
ज्वैलरी
बाजार
में
अभी
तक
टाइटन,
टीबीजेड
जैसी
कुछ
कंपनियां
ही
शेयर
बाजार
में
लिस्टेड
हैं।
ऐसे
में
कल्याण
ज्वैलर्स
एक
और
बड़ी
कंपनी
है
जो
लिस्टिंग
के
लिए
तैयार
है।
ये
निर्णय
ज्वेलरी
सेक्टर
के
कोरोना
के
हमले
से
उबरने
का
संकेत
मिलने
और
ज्वेलरी
डिमांड
में
बढ़त
को
देखते
हुए
लिया
गया
है।
दरअसल
कोरोना
काल
को
देखते
हुए
सभी
आईपीओ
रुके
हुए
थे
लेकिन
जुलाई
को
स्पेशियालिटी
केमिकल
कंपनी
रोजरी
बॉयोटेक
के
ब्लॉक
बस्टर
स्टॉक
मार्केट
डेब्यू
के
साथ
ये
हिचक
हट
गई
है
और
कंपनियां
अब
अपने
प्लान
पर
आगे
बढ़ने
लगी
हैं।