थोक महंगाई दर 4 साल के उच्चतम स्तर पर, जून में 5.77 फीसदी
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को अभी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। सोमवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई दर जून में 5.77 फीसदी हो गई है। यह पिछले चार साल में सर्वाधिक है। मई महीने में पेट्रोल-डीजल और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी, जबकि इसमें वृद्धि जून के महीने में भी जारी है और थोक मुद्रास्फीति जून महीने में बढ़कर 5.77 फीसदी तक पहुंच गई है।
महंगाई दर चार साल में सर्वाधिक
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 2.0 फीसदी, ईंधन और पावर बास्केट के मूल्यों में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। ये महंगाई दर 4.93 फीसदी के अनुमान से कहीं अधिक है। बता दें कि मई में महंगाई दर 15 महीनों में सर्वाधिक रही थी और 4.43 तक पहुंच गई थी।
आम आदमी पर महंगाई की मार
खाने-पीने की चीजों की महंगाई जून 2018 में 1.80 फीसदी रही जबकि मई में ये दर 1.60 फीसदी थी। सब्जियों की महंगाई जून में बढ़कर 8.12 फीसदी हो गई। जून में प्याज की थोक महंगाई दर बढ़कर 18.25 फीसदी हो गई, जो मई में 13.20 फीसदी थी। आलू की थोक कीमतों में जून के दौरान 99.02 फीसदी की महंगाई दर रही, जो मई में 81.93 फीसदी थी। फलों की महंगाई घटकर जून में 3.87 फीसदी पर आ गई।
मई महीने में 4.43 प्रतिशत थी महंगाई दर
बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 3.18 प्रतिशत रही थी जबकि पिछले साल मई महीने में ये दर 2.26 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक कुछ चुनी हुई वस्तुओं के सामूहिक औसत मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।