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Reliance Jio-Facebook डील: इन मुद्दों पर एक नहीं है फेसबुक-जियो की राय, कई सवाल अनसुलझे

Jio-Facebook डील: इन मुद्दों पर एकमत नहीं है फेसबुक-जियो की राय, कई सवाल अनसुलझे

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नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो और सोशल मीडिया की अग्रणी कंपनी पेसबुक के बीच सबसे बड़ी साझेदारी हुई। फेसबुक और जियो के बीच इस डील के लिए 14 महीनों से तैयारी की जा रही थी। फेसबुक ने जियो में निवेश के लिए 4357 करोड़ रुपए का खर्च कर कंपनी में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इस समझौते को लॉकडाउन के बीच दुनिया का सबसे बड़ा डील माना जा रहा है। जहां इस समझौते से जियो की वैल्यूएशन बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा तो वहीं रिलायंस जियो खुद को कर्जमुक्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ सकेगा। हालांकि इस दोनों कंपनियों के बीच कई मसलों पर एकमत राय नहीं है।

<strong>Facebook -Reliance Jio डील: कर्जमुक्त कंपनी बनने की ओर रिलायंस का बड़ा कदम</strong>Facebook -Reliance Jio डील: कर्जमुक्त कंपनी बनने की ओर रिलायंस का बड़ा कदम

 फेसबुक -जियो के बीच एक राय नहीं

फेसबुक -जियो के बीच एक राय नहीं

जियो फेसबुक के बीच हुए इस लगभग 44 हजार करोड़ के समझौते में कई सवाल अनसुलझे हैं। वहीं दोनों ही कंपनियों कई अहम मुद्दों पर एकमत राय नहीं रखती हैं। फेसबुक और रिलायंस जियो के बीच डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और शेयरिंग पर भारत में चल रही नीतिगत बहसों के बीच दोनों की राय एक दूसरे से अलग है। इस डील को लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि इन मसलों पर दोनों कंपनियों की राय एकमत नहीं है।

इन मुद्दों पर एकमत नहीं है फेसबुक-जियो

इन मुद्दों पर एकमत नहीं है फेसबुक-जियो

फेसबुक हमेशा से भारत सरकार की उस मांग का विरोध करती रही हैं, जिसमें सरकार को ओर से कहा जाता रहा है कि भारतीयों के डेटा भारत में ही स्टोर किया जाना चाहिए। वहीं रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस मसले पर हमेशा से अपना रुख साफ-साफ रखा है कि भारत के लोगों का डेटा पर कंट्रोल भारतीयों का होना चाहिए।

यूजर्स डेटा भारत सरकार को देने के लिए तैयार नहीं फेसबुक

यूजर्स डेटा भारत सरकार को देने के लिए तैयार नहीं फेसबुक

वहीं सोशल मीडिया डेटा का एक्सेस कानूनी एजेंसियों को देने के बारे में भी फेसबुक और रिलायंस जियो की राय एक दूसरे से नहीं मिलती है। रिलायंस इस बात का फेवर करती रही है कि ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म्स को डीक्रिप्शन-की सहित पूरा डेटा एक्सेस भारत की कानूनी एजेंसियों के हवाले करना चाहिए। जबकि फेसबुक अपने व्हाट्सऐप मेसेज ओरिजिन की जानकारी भारत सरकार को देने का विरोध करती रही है। फेसबुक ने इसके लिए एंड टु एंड एनक्रिप्शन का हवाला देते हुए इसका विरोध किया है। फेसबुक ने साफ-साफ कहा है कि वो यूजर्स का डेटा भारत सरकार को देने को बाध्य नहीं है।

दोनों कंपनियों की अपनी पॉलिसी

दोनों कंपनियों की अपनी पॉलिसी


दोनों कंपनियों ने डेटा लोकलाइजेशन या एनक्रिप्शन के मामले में चर्चा की होगी। सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच डील फाइनल से पहले पॉलिसी मैटर्स पर मतभेदों को लेकर चर्चा हुई है। रिलायंस जियो के एक प्रवक्ता ने रिलायंस के स्ट्रैटेजी हेड अंशुमान ठाकुर के पहले दिए गए एक जवाब का हवाला देते हुए कहा कि फेसबुक और जियो स्वतंत्र इकाइयां हैं। इस डील के बाद दोनों ही कंपनियां कई क्षेत्रों में एक दूसरे को सहयोग करेंगी तो हो सकता कुछ मसलों पर दोनों का मत एक न हो। दोनों ही कंपनियों का अपना स्वतंत्र विचार हो सकता है।

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English summary
Jio-Facebook Deal: Reliance and Facebook have Different Opinion on Key Issues, Here some point.
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