Jet Airways पर महासंकट! कंपनी के 20000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, ये है आखिरी दो विकल्प
नई दिल्ली।आर्थिक संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज ने बुधवार को आखिरकार अपना ऑपरेशन बंद कर दिया। कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बाद देशभर के सभी रूट्स पर अपनी उड़ानें रद्द कर परिचालन को अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला किया है। जेट एयरवेज का ऑपरेशन सस्पेंड होने से जेट एयरवेज के 20000 कर्मचारियों पर महासंकट आ गया है। ये कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। अब उनके पास कोई विकल्प नहीं है। पिछले कई महीनों ने उन्हें सैलरी नहीं मिल रही थी और अब कंपनी के बंद होने के बाद उनपर महासंकट आ गया है।
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Jet Airways के कर्मचारियों की बढ़ी मुश्किल
कैश क्राइसिस से गुजर रही निजी विमान कंपनी ने आखिरकार बुधवार को अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला किया। बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपए की इमरजेंसी फंड नहीं मिलने के बाद एयरवेज ने अपने परिचालन को बंद करने का ऐलान कर दिया। जेट एयरवेज के बंद होने से कंपनी के 20 हजार कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है। उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
निवेशकों का फंसा पैसा
जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने से न केवल कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है बल्कि निवेशकों का फैसा भी डूब गया है। जिन यात्रियों ने पहले से टिकटों की बुकिंग करवा ली थी उनका रिफंड फंस गया है। एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंस गया है। निवेशकों का पैसा अटक गया है। एयरलाइंस पर 8500 करोड़ रुपए का कर्ज हैं। साल 2010 से ही कंपनी पर कर्ज संकट गहराने लगा और लगातार चार तिमाहियों में घाटे ने कंपनी की कमर तोड़कर रख दी। ।
जेट एयरवेज के पास आखिरी विक्लप
विमान कंपनी ने पास ऋणदाताओं की ओर से बोलियों को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया का इंतजार है। एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज की 32.1 से लेकर 75 फीसदी तक हिस्सेदारी की बेचने को लेकर बोलियां आमंत्रित की थी। जेट एयरवेज के पास अब आखिरी विकल्प रिवाइवल प्लान ही है। कंपनी के पूर्व प्रोमोटर्स तक बोली प्रक्रिया से अपना हाथ खींच चुके हैं। कंपनी हिस्सेदारी बेचकर कर्ज का बोळ हल्का कर सकती है।