नौकरीपेशा लोगों को सरकार देने वाली है एक बुरी खबर
नई दिल्ली। इस वित्त वर्ष में नौकरीपेशा लोगों को सरकार की तरफ से एक बड़ा झटका लगने की संभावना बन रही है। दरअसल, सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दरों में कटौती करने का मन बना चुकी है। ईपीएफ की ब्याज दरें घटाने को लेकर वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के बीच ईपीएफ की ब्याज दरें घटाने को लेकर सहमति बन चुकी है।
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पिछले साल भी कम ब्याज देने का था सुझाव
पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ ब्याज दर 8.8 फीसदी थी, लेकिन इस वित्त वर्ष में इसे घटाकर 8.6 फीसदी किए जाने की योजना बनाई जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्रालय ने पीएफ पर ब्याज की दर 8.7 फीसदी रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ठुकराते हुए श्रम मंत्रालय ने इसे 8.8 फीसदी रखा था।
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ऐसे होता है ब्याज दर का निर्धारण
ईपीएफ की ब्याज दर का निर्धारण मौजूदा वित्त वर्ष में होने वाली ईपीएफओ की कमाई का अनुमान तय करने के बाद किया जाता है। जब अनुमान ठीक-ठीक लगा लिया जाता है तो फिर सीबीटी (केन्द्रीय न्यासी बोर्ड) ब्याज की दर का निर्धारण करता है।
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श्रम मंत्रालय ने माना वित्त मंत्रालय का सुझाव
आपको बता दें कि इस बार अभी तक कोई अनुमान नहीं लगाया गया है और वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय ने ब्याज दरें कम करना तय कर लिया है। इतना ही नहीं, श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की इस बात को भी मान लिया है कि वह सिर्फ उतनी ही ब्याज दर रखे, जितनी वह अपने संसाधनों के चलते ईपीएफओ धारकों को चुकाने में सक्षम हो।