Infosys: आरोपों के बाद कंपनी को लगा 45000 करोड़ रुपये का झटका, नंदन नीलेकणि बोले- होगी निष्पक्ष जांच
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नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के दो मुख्य अधिकारियों पर व्हिसिलब्लोअर समूह द्वारा गंभीर आरोप लगाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ स्वतंत्र जांत की बात कही है। बता दें, व्हिसिलब्लोअर समूह ने दोनों ही अधिकरियों के खिलाफ अनैतिक तरीके से आय बढ़ाने की कोशिश का आरोप लगाया था।
बता दें, सलिल पारेख और निलांजन रॉय के खिलाफ 20 और 30 सितंबर को दो अज्ञात शिकायतें मिलने के बाद यह मामला सामने आया। वहीं, इन शिकायतों के बाहर आने की वजह से इंफोसिस के शेयर को भी नुकसान झेलना पड़ा। मंगलवार को इंफोसिस के 16 फीसदी शेयर गिर गए, बीएसई पर कंपनी के शेयर 15.94 से गिरकर 645.35 रुपये पर आ गया जबकि एनएसई पर ये 15.99 फीसदी घटकर 645 रुपये प्रति शेयर पर आ गया जिससे कंपनी को 45000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इस नुकसान के बाद इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि को सामने आना पड़ा, उन्होंने बाजार को सूचना दी कि हमने कानूनी फर्म शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी और स्वतंत्र आंतरिक ऑडिटर ईकाई से बात शुरू कर दिया है।
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इससे
पहले
भी
लगे
हैं
आरोप
इंफोसिस
में
यह
कोई
पहला
मामला
नहीं
है
जो
सामने
आया
है
इससे
पहले
और
भी
केस
मीडिया
की
सुर्खियां
बटोर
चुके
हैं।
कंपनी
पर
इससे
पहले
वित्तीय
अनियमितता
का
आरोप
भी
लगा
है,
हाल
ही
में
इंफोसिस
की
ओर
से
इजरायल
की
एक
कंपनी
पनाया
की
खरीद
के
समय
भी
अनियमितताओं
का
आरोप
लगा
था।
हालांकि,
इन
आरोपों
को
कंपनी
के
आंतरिक
कमेटी
ने
गलत
ठहराया
था,
ये
शिकायत
भी
व्हिसिलब्लोअर
ने
की
थी।
अब
कंपनी
पर
वर्ष
2019-20
की
तीसरी
तिमाही
के
दौरान
गैरकानूनी
तरीके
से
मुनाफा
बढ़ाकर
स्टॉक्स
की
ऊंची
इंफोसिस
बनाए
रखने
का
आरोप
लगा
है।