6 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा इंडस्ट्रियल उत्पादन, 1.1 प्रतिशत की गिरावट
नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर लगातार झटके खा रही देश की अर्थव्यवस्था को शुक्रवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब लगातार दूसरे महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडेक्शन में गिरावट देखने को मिली है। ताज़ा आँकड़ों के मुताबिक़, पिछली तिमाही में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर शून्य से नीचे चली गई है। यह 1.1 प्रतिशत हो गई है। फरवरी 2013 के बाद ये सबसे कमजोर आंकड़े है। देश की 23 इंडस्ट्री ग्रुप्स में से 15 में मेन्युफैक्चरिंग ग्रोथ गिरकर निगेटिव हो गई है।
भारत सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। औद्योगिक उत्पादन में यह गिरावट 1.1 प्रतिशत की हुई है। इस साल जुलाई में ये 4.3 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल यानी जुलाई 2018 में 6.5 प्रतिशत रही थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई सेक्टर्स में उत्पादन घटने से औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है।
अगस्त, 2018 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 7.6 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं खनन क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि 0.1 प्रतिशत पर स्थिर रही। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.4 प्रतिशत रह गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रही थी।
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