Indo-China विवाद के बीच बौखलाया चीन, कहा-चाइनीज प्रोडक्ट का बायकॉट भारतीयों के लिए संभव नहीं
Indo-China विवाद के बीच बौखलाया चीन, कहा-चाइनीज प्रोडक्ट को बायकॉट भारतीयों के लिए संभव नहीं
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन लद्दाख में अतिक्रमण की लंबे वक्त से कोशिश कर रहा है। भारत-चीन के बीच उपजे तनाव के बीच भारत में चीनी प्रोडक्ट की बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोगों को लोकल के लिए वोकल बनने की बात कही तो लोगों ने चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर लोग Boycott Chinses को सपोर्ट कर रहे हैं। चाइनीज समानों के बहिष्कार से चीन बौखला गया है। भारत में चीनी सामान के बहिष्कार से चीन की घबराहट दिखने लगी है। बौखलाए चीन ने कहा कि भारतीयों के लिए चीनी समानों का बहिष्कार करना संभव नहीं है।
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चाइनीज सामान का बहिष्कार संभव नहीं
चाइनीज प्रोडक्ट के बायकॉट से घबराए चीन ने कहा कि भारतीय मुश्किल से ही चीन के सामानों का बायकॉट कर सकते हैं। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारतीयों के लिए चीन के सामान का बहिष्कार करना संभव नहीं है। चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि चीन के सामानों का बहिष्कार करना भारत के लोगों के लिए बहुत मुश्किल है। अखबार ने लिखा कि चाइनीज प्रोडक्ट व्यापक तौर पर भारतीयों की जिंदगी से जुड़े हैं, और उन्हें आसानी से बदला नहीं जा सकता है। चीनी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लद्दाख के समाजसेवी सोनम वांग्चुक की जिक्र करते हुए उनपर निशाना साधा है।
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कितना है भारत में निवेश
भारत में चीन के निवेश की बात करें तो साल 2018-19 में भारत ने चीन से 4.92 लाख करोड़ का सामान आयात किया। वहीं भारत ने चीन को सिर्फ 1.17 लाख करोड़ का सामान निर्यात किया। अगर भारत में चाइनीज निवेश की बात करें तो बैंकों से लेकर कंपनियों, स्मार्टफोन से लेकर आईटी में चीन का निवेश है।हाल ही में 12 अप्रैल को चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड में और 0.2 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। इसके साथ ही इस बैंक में चाइना की बैंक की हिस्सेदारी बढ़कर 1 फीसदी हो गई है।
भारत के 18 स्टार्टअप में लगा है चीन का पैसा
भारत चीन के लिए बड़ा बाजार है। चाइनीज प्रोडक्ट की भारत में डिमांड भी है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 30 बड़े स्टार्टअप में से 18 स्टार्टअप में चीन ने निवेश किया है। कुछ निवेश डायरेक्ट किए गए हैं तो कुछ में चीनी निवेशकों ने अन् देशों के जरिए पैसा लगाया है। भारत की 75 से ज़्यादा ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें चीन के निवेशकों का फंड लगा है। इनमें ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, मीडिया और सोशल मीडिया और लॉजिस्टिक सेक्टर की कंपनियां शामिल है। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट की बात करें तो चीन की ओपो(OPPO) और शिओमी (XIAOMI) जैसी कंपनियों ने गहरी पैठ बना ली है। भारतीय बाजार में इन माबोइल फोन की खूब डिमांड है इनका मार्केट शेयर करीब 72 फीसदी हो चुका है। ऐसे में चाइनीज प्रोडक्ट के बायकॉट से चीन की परेशानी बढ़ना तय है।