इंडिगो प्रमोटर्स के बीच विवाद बढ़ा, गंगवाल बोले- कंपनी का गवर्नेंस पान की दुकान से भी खराब
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो के प्रमोटर्स के बीच का मतभेद अब खुलकर सामने आ गया है। कंपनी के प्रमोटर्स में से एक राकेश गंगवाल ने सेबी से कंपनी कॉर्पोरेट गवर्नेंस के बारे में शिकायत की है। सेबी से शिकायत करते हुए गंगवाल ने कहा है कि 'पान की दुकान' भी अपने मामलों को इससे बेहतर तरीके से संभालती है। गंगवाल ने लगभग एक साल तक मुद्दों के साथ समस्याओं के समाधान के लिए बाजार नियामक सेबी के हस्तक्षेप की मांग की है।
कंपनी के दूसरे प्रमोटर राहुल भाटिया के खिलाफ शिकायत
बताया जा रहा है कि गंगवाल ने यह कंपनी के अन्य प्रमोटर राहुल भाटिया के खिलाफ यह शिकायत की है। इस संबंध में वहीं स्टॉक एक्सचेंजों को हवाला देते हुए इंटरग्लोब एविएशन जो कि इंडिगो की पैरेंट कंपनी है, ने कहा है कि निदेशक मंडल को गंगवाल की ओर से एक पत्र मिला है और सेबी ने भी पत्र पर जवाब मांगा है। बता दें कि इंडिगो में राकेश गंगवाल की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत है जबकि राहुल भाटिया के पास 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
राकेश गंगवाल ने शिकायत में लगाया है यह आरोप
राकेश गंगवाल ने अपने शिकायत में कहा है कि कंपनी को लेकर उनके और भाटिया के बीच एग्रीमेंट है, उसमें इंडिगो पर भाटिया को कंट्रोलिंग राइट्स मिले हुए हैं। यही वजह है कि कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों में विविधता नहीं है। शायद इसी लिए कंपनी में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की हालत खराब हो गई है। सूत्रों ने कहा है कि बाजार नियामक इस मामले की जांच कर रहा है क्योंकि मई में मई में प्रमोटरों के बीच मतभेद के बारे में एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसके साथ-साथ सेबी ने कंपनी को 19 जुलाई, 2019 तक इस पत्र पर अपना जवाब देने के लिए कहा है। इसके अलावा सेबी को लिखे अपने लेटर में गंगवाल ने आरोप लगाया है कि भाटिया दूसरी कंपनी खड़ी कर रहे हैं, इसके लिए उन्होंने कई ट्रांजैक्शन का हवाला भी दिया है।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है इंडिगो
सेबी को लिखे पत्र में कहा गया है कि लेने-देन के अलावा शासन की ओर से निर्धारित विभिन्न मूलभूत मानदंडों और कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण होती जा रही है। ऐसे में प्रभावी कदम उठाया जाना जरूरी हो गया है। पत्र में कहा है कि उन्होंने कंपनी की स्थिति को देखते हुए 12 जून को बोर्ड की बैठक बुलाई थी लेकिन भाटिया ने उस प्रस्तावा का विरोध किया। 12 जून को लिखे पत्र में भाटिया ने आरोप लगाया है कि गंगवाल एंजेडा साफ नहीं था और उन्होंने पैकेज का प्रस्ताव रखा था। इस मुद्दे को लेकर आरपीटी चर्चा करने को तैयार नहीं था। बता दें कि 49 प्रतिशत बाजार की हिस्सेदारी के साथ इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इसके बेड़े में 200 से अधिक विमान हैं और प्रतिदिन लगभग 1400 उड़ाने संचालित की जाती है।
MUST READ:रद्दी हो जाएंगे 20 करोड़ लोगों के PAN कार्ड, अगर नहीं किया ये काम