1 फीसदी रहेगी अगले दो साल तक भारत की विकास की रफ्तार: गीता गोपीनाथ
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते देश की आर्थिक विकास की रफ्तार पटरी से उतर गई है और आने वाले वर्षों में भी यह पटरी पर आती नहीं दिख रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों 2020-2021 बमुश्किल एक फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा का दो वर्षों तक भारत की विकास की रफ्तार तकरीबन एक या उससे थोड़ी अधिक रह सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने देश की आर्थिक गतिविधधियों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
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गीता गोपीनाथ ने कहा कि अगर आप 2020 और 2021 के विकास अनुमान को देखें तो अगले दो वर्षों में भारत की विकास दर एक या उससे थोड़ी अधिक रह सकती है। यह कुछ खास मजबूत विकास दर नहीं है, लेकिन यह दुनिया के तमाम देशों की तरह ही है। बता दें कि बुधवार को आईएमएफ की ओर से कहा गया था कि देश की विकास दर 2020 में 4.5 रह सकती है। इस बात की संभावना जताई गई है कि ग्लोबल आउटपुट 4.9 फीसदी तक इस वर्ष गिर सकता है।
वहीं कोरोना को लेकर जब गीता गोपीनाथ से पूछा गया कि आप प्रधानमंत्री मोदी को क्या सुझाव देना चाहेंगी तो उन्होंने कहा कि भारत त कोक टेस्टिंग क्षमता बढ़ानी होगी, इसके लिए कुछ अधिक बजट मददगार होगा, छोटे उद्योग धंधे और सबसे अधिक इस महामारी से प्रभावित लोगों को सीधे कैश की मदद देनी चाहिए, साथ ही मौजूदा संकट को आर्थिक सुधार के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। गीता ने कहा कि महामारी की वजह से दुनिया की 12 ट्रिलियन डॉलर का अगले दो वर्षों में नुकसान होगा। दुनियाभर में बिजनेस बंद होने की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और यूरोप की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्था भी बड़े नुकसान का सामना कर रही हैं।